PATNA : कोरोना पर लगाम लगाने के लिए सभी देश जोर-शोर से लगे हुए हैं. इसी बीच लोगों के लिए एक राहत भरी खबर सामने आई है. सूत्रों के मुताबिक परजीवी कीड़ों को मारने वाली दवा आइवरमेक्टिन काफी प्रभावी साबित हो रही है. भारत में सबसे पहले यूपी सरकार ने इस दवा को स्वास्थ्यकर्मियों को संक्रमण से बचाव के लिए दिया था फिर उसी के तर्ज पर पंजाब सरकार ने भी संक्रमितों के उपचार में इसे शामिल कर लिया. अब पटना के PMCH में भी इस दवा का इस्तेमाल होना शुरू हो गया है.
आपको बता दें कि इस दवा को लेकर अन्य कई देशों में खोजबीन चल रही है. हालांकि, आइवरमेक्टिन के दुष्प्रभावों को देखते हुए बिना डॉक्टरी परामर्श इसे नहीं लेने की सलाह दी गई है. गौरतलब है कि आइवरमेक्टिन टैबलेट काली मक्खी के काटने से होने वाली रिवर ब्लाइंडनेस, गोल कृमि से छोटी आंत में होने वाले संक्रमण एस्कारियासिस और फाइलेरिया जैसे रोगों के इलाज में काम आती है. देश में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत दी जाने वाली तीन दवाओं में यह भी एक शामिल है.
PMCH के कोरोना नोडल पदाधिकारी डॉ. पूर्णानंद झा के अनुसार इस दवा में वाकई संक्रमण से बचाव करने की क्षमता है. डॉ. पूर्णानंद झा के मुताबिक यह दवा उन लोगों को दी जाएगी जो हल्के लक्षण दिखने के तुरंत बाद भर्ती होंगे. जिन संक्रमितों को सांस लेने में तकलीफ थी, तीन दिनों में उनका भी वायरस लोड कई गुना कम देखा गया है. गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाओं को ये दवा नहीं दी जानी चाहिए. आइवरमेक्टिन एचआइवी, इनफ्लुएंजा, डेंगू और जीका वायरस में भी यह दवा प्रभावी पाई गई है.