कोरोना संकट पर हाईकोर्ट में सुनवाई : कोर्ट को राज्य सरकार के वादों पर भरोसा नहीं, एक हफ्ते में दूर होगी ऑक्सीजन की कमी

कोरोना संकट पर हाईकोर्ट में सुनवाई : कोर्ट को राज्य सरकार के वादों पर भरोसा नहीं,  एक हफ्ते में दूर होगी ऑक्सीजन की कमी

PATNA : बिहार में कोरोना संकट को लेकर पटना हाई कोर्ट में आज एक बार फिर राज्य सरकार की तैयारियों पर सुनवाई हुई. कोरोना से निपटने के लिए राज्य सरकार की तरफ से किए गए उपायों पर और दावों पर कोर्ट ने एक बात से नाराजगी जताई है. पटना हाई कोर्ट ने कहा है कि उसे सरकार के दावों पर भरोसा नहीं हो रहा है. हालांकि राज्य सरकार ने यह दावा किया कि 1 हफ्ते में केंद्रीय कोटा का ऑक्सीजेंन मिलने लगेगा.


बिहार में कोरोना के कहर से निपटने में राज्य और केंद्र सरकार की कार्यों की मॉनिटरिंग कर रही पटना हाई कोर्ट को गुरुवार के दिन राज्य सरकार की तरफ से यह आश्वासन दिया गया कि केंद्रीय कोटा से मिलने वाली लिक्विड ऑक्सीजेंन की निर्बाध आपूर्ति एक हफ्ते में शुरू हो जाएगी. इसके लिए 5 क्रायोजेनिक टैंकरों का इंतजाम कर लिया गया है. वहीं दूसरी ओर कोर्ट को यह भी बताया गया कि पटना के आईजीआईएमएस सहित सूबे के 9 मेडिकल कॉलेज अस्पताल जिन्हें डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल बनाया गया है, वहां प्रेशर स्विच एप्पलीकेशन प्रणाली के तहत ऑक्सीजेंन उत्पादन प्लांट भी जल्द शुरू होने जा रहा है. 


पटना हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि शुक्रवार तक स्वास्थ्य महकमा कोर्ट को बताए कि एक हफ्ते में केंद्रीय कोटे से रोजाना कितनी मात्रा में ऑक्सीजेंन आपूर्ति सूबे भर के कोविड अस्पतालों को हो सकेगी ?  जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह और जस्टिस मोहित कुमार शाह की खण्डपीठ ने शिवानी कौशिक और गौरव कुमार सिंह की जनहित याचिकाओं  की सुनवाई करते हुए ये निर्देश दिए.


उधर दूसरी ओर  पटना हाईकोर्ट की तीन सदस्यीय एक्सपर्ट कमिटी ने जानकारी दी की बिहटा स्थित ईएसआईसी अस्पताल में कोविड मरीजों के लिए 500 बेड हैं लेकिन निर्बाध आपूर्ति के लिए पर्याप्त ऑक्सीजेंन भंडार, लैब और दवाखाना नहीं होने के  कारण अस्पताल पूरी तरह से चालू नही हो पा रहा है. कमिटी ने यह भी अंदेशा जताया कि जिस तरह पटना एम्स में 300 कोविड बेड के लिए रोजाना करीब 30 हज़ार लीटर ऑक्सीजेंन की ज़रूरत होती है. उसी तरह बिहटा के ईएसआईसी अस्पताल में 500 बेड के लिए रोजाना 50 हज़ार लीटर ऑक्सीजेंन की जरूरत है.


हाई कोर्ट ने इस मामले पर  राज्य सरकार से पूछा कि बिहटा अस्पताल को इतनी मात्रा में लगातार ऑक्सीजेंन आपूर्ति कैसे होगी और कब तक होगी ? इस बाबत शुक्रवार तक जवाब दें. सुनवाई के दौरान पटना एम्स की तरफ से उंसके वकील विनय पांडे ने कोर्ट को बताया कि बिहटा ईएसआईसी अस्पताल में लैबोरेटरी जाँच की सुविधा को फौरन मुहैय्या कराने हेतु पटना एम्स तैयार है. राज्य सरकार को इसके लिए  एम्स के साथ एमओयू करार करना होगा. हाई कोर्ट ने इस बाबत भी स्वस्थ विभाग के प्रधान सचिव को शुक्रवार तक जवाब देने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को शाम साढ़े 4 बजे होगी.