कोरोना संकट में गरीबों से की जा रही वसूली, लॉकडाउन में राशन कार्ड बनाने के लिए ऐंठे जा रहे रुपये

कोरोना संकट में गरीबों से की जा रही वसूली, लॉकडाउन में राशन कार्ड बनाने के लिए ऐंठे जा रहे रुपये

KATIHAR : कोरोना संकट की इस महामारी में लोगों को खाने पीने की भी दिक्कतें हो रही हैं. अन्य प्रदेशों में फंसे बिहारी भी सरकार से मदद की अपील कर रहे हैं. कोरोना महामारी में बिहार सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया था. सीएम ने कहा था कि बिहार में बिना राशन कार्ड वालों को भी अनाज दिया जायेगा. इसके लिए निर्णय लिया गया था कि जिन परिवारों के पास राशन कार्ड नहीं है उन्हें भी जीविका समूहों के माध्यम से चिन्हति कर उनकी मदद की जाएगी.


मुख्यमंत्री के आदेश बाद ऐसे परिवारों की पहचान का कार्य शुरू कर दिया गया है. इन परिवारों की पहचान कर उनकी भी मदद की जाएगी. कटिहार में जीविका दीदी ऐसे परिवारों की पहचान कर रही हैं. लेकिन इस जिले से एक ऐसा वीडियो सामने आया है, जिससे सवाल खड़ा हो रहे हैं. दरअसल एक वीडियो जिले में काफी तेजी से वायरल हो रहा है. जिसमें जीविका की बहनें गरीब परिवारों से पैसे की वसूली करती हुई दिखाई दे रही हैं. राशन कार्ड बनवाने के नाम पर उनसे पैसे ऐंठे जा रहे हैं.


पैसे लेने का वीडियो भी काफी तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में साफ़ तौर पर देखा जा रहा है कि जीविका की दीदियां पैसे ले रही हैं. वैसी महिलाएं जो कार्ड बनवाने के लिए आवेदन दे रही हैं. उनसे 50 -50 रुपये की वसूली की जा रही है. वायरल वीडियो के बारे में यह दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो कटिहार प्रखंड के चीलमारा गांव का है.


इस वायरल वीडियो में जीविका दीदियों से बातचीत की गई है. वीडियो में उन्होंने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि फोटो के लिए पैसा लिया जा रहा है. लेकिन ग्रामीणों ने इस बात से इनकार किया है. स्थानीय डहेरिया पंचायत के मुखिया भी ग्रामीणों के बयान के आधार पर ऐसी शिकायत मिलने की बात कह रहे हैं. वीडियो के आधार पर जिला परियोजना पदाधिकारी ने इसे गलत बताते हुए कार्रवाई की बात कही है. बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बड़ा फैसला लिया था. उन्होंने कहा था कि बिहार में बिना राशन कार्ड वालों को भी अनाज दिया जायेगा. इस संकट की स्थिति में कोई भी व्यक्ति भोजन के लिए नहीं तड़पेगा, सरकार हर किसी तक मदद पहुंचाने की कोशिश में जुटी हुई है.