DESK : देश में पहली बार कोरोना मरीज के शव का पोस्टमार्टम किया गया है. इसका मकसद है कि कोरोना मरीज पर रिसर्च करना, जिससे यह पता चल सके की कोरोना शरीर में कितने लंबे समय तक रहता है और यह शरीर के किन अंगों को किस हद तक प्रभावित कर सकता है.
कोरोना मरीज के शव का पोस्टमार्टम करने के लिए AIIMS भोपाल को ICMR से मंजूरी लेनी पड़ी. मंजूरी मिलने के बाद कोरोना संक्रमित शख्स के डेडबॉडी का पोस्टमार्टम किया गया. इस दौरान पोस्टमॉर्टम करने वाली डॉक्टर्स की टीम सुरक्षा से जुड़ी सभी गाइडलाइंस का पालन किया.
AIIMS भोपाल का दावा है कि रिसर्च के लिए कोरोना संक्रमित शव के पोस्टमॉर्टम का ये पहला मामला है. इसके साथ ही अभी कुछ और शवों का पोस्टमार्टम किया जाएगा, जिसके बाद फाइनल रिपोर्ट तैयार की जाएगी. भोपाल AIIMS के डायरेक्टर ने बताया कि 'पोस्टमॉर्टम से शरीर के अंगों पर कोरोना वायरस के पड़ने वाले प्रभाव की जानकारी मिल सकेगी. संक्रमित होने के बाद दिल, फेफड़े, दिमाग या दूसरे अंगों पर वायरस किस तरह से और कितना असर करता है इसकी जानकारी भी मिल सकेगी.'