PATNA: कोरोना संकट के कारण बिहार के लाट साहब यानि राज्यपाल भी हरकत में आये हैं. बिहार के राजभवन में फिजूलखर्ची को पूरी तरह से बंद कर देने का फरमान जारी कर दिया गया है. सूबे के यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में भी अब उसी काम में पैसा खर्च होगा, जिसे कराना बेहद जरूरी होगा.
राजभवन में भोज पर रोक, गाड़ी और तेल पर भी बंदिश
राजभवन में अलग अलग मौकों पर भोज करने की पुरानी परंपरा रही है. कोरोना संकट को देखते हुए राज्यपाल फागू चौहान ने अगले एक साल तक भोज, स्वागत समारोह जैसे कार्यक्रमों को बंद करने को कहा है. अब सिर्फ वैसे ही कार्यक्रम होंगे जिन्हें करना बेहद जरूरी होगा. अगर राजभवन आने वाले अतिथियों को भोज देना भी पडा तो मेन्यू में भारी कटौती की जायेगी. राजभवन की साज-सज्जा को भी बंद करने को कहा गया है.
राज्यपाल ने अपने साथ साथ राजभवन के अधिकारियों के नयी गाड़ी की खरीद पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. यानि अगले साल तक कोई नयी गाड़ी नहीं खरीदी जायेगी. राजभवन में पहले से जो गाड़ियां उपयोग में लायी जा रही हैं उनके तेल के खर्च को कम करने का आदेश दिया गया है. राजभवन के अधिकारियों-कर्मचारियों की यात्रा पर भी रोक लगायी गयी है. वे सिर्फ वहीं जा सकेंगे जहां जाना बेहद जरूरी हो.
कोरोना संकट के कारण बिहार और देश की आर्थिक स्थिति पर पड़े प्रभाव को देखते हुए राज्यपाल फागू चौहान ने सबसे पहले राजभवन के खर्चे को कम करने का निर्देश दिया है. राज्यपाल ने कहा है कि अगले साल मार्च तक बिहार के राजभवन में कोई नया निर्माण नहीं होगा. राजभवन में अब सिर्फ वही काम होगा जिसे कराना बेहद जरूरी होगा. राजभवन में मरम्मति और मेनटेनेंस के नाम पर भी हर साल मोटा खर्च होता था. राज्यपाल ने उस खर्च पर रोक लगाने का फरमान जारी किया है. वहीं राजभवन के बिजली बिल को भी कम करने का निर्देश दिया गया है.
यूनिवर्सिटी-कॉलेजों के खर्च में भी कटौती
राज्यपाल ने राजभवन में खर्च कम करने को लेकर लिये गये फैसले को बिहार के यूनिवर्सिटी और कॉलेजों को भी भेज दिया है. सभी यूनिवर्सिटी को राजभवन की तर्ज पर ही अपने खर्चों में कटौती करने का निर्देश दिया गया है.