PATNA : कोरोना महामारी के दौर में एम्बुलेंस संचालकों की मनमानी पर नकेल लगाने की तैयारी शुरू हो गई है। कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद एंबुलेंस संचालकों द्वारा अधिक पैसे लिए जाने की शिकायत पर डीएम ने एंबुलेंस का किराया तय करने के लिए 3 सदस्य कमेटी गठित की है। शिकायत मिलने के बाद डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने शनिवार को एंबुलेंस संचालकों की बैठक बुलाई थी। उनकी समस्याओं को सुना और अपर समाहर्ता की अध्यक्षता में कमेटी गठित की। कमेटी में जिला परिवहन पदाधिकारी एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्वास्थ विभाग शामिल किए गए हैं।
पटना डीएम ने कमेटी से 24 घंटे में रिपोर्ट मांगी है। कमेटी को एसी एंबुलेंस, नन एसी एंबुलेंस, ऑक्सीजन युक्त एंबुलेंस तथा बगैर ऑक्सीजन के एंबुलेंस का किराया तय करने को कहा गया है। बैठक में एंबुलेंस संचालकों ने भी अपनी समस्याएं गिनाईं। उनका कहना था कि कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ने के कारण मरीजों को उनके घर या अस्पताल से लाने में ज्यादा खर्च हो रहा है क्योंकि इस दौरान एंबुलेंस चालक एवं अटेंडेंट के लिए पीपीई किट मास्क तथा सेनेटाइजर का अधिक इस्तेमाल हो रहा है। इससे सामान्य दिनों की अधिक खर्च आ रहा है।
बैठक के दौरान कुछ एंबुलेंस संचालकों का कहना था कि वर्तमान में अस्पतालों में बेड की कमी है, इसीलिए एंबुलेंस मरीजों को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल या घर से अस्पताल ले जाते हैं। अस्पतालों भीड़ अधिक होने के कारण एंबुलेंस को कई अस्पतालों में चक्कर लगाना पड़ता है। ऐसी स्थिति में 4 से 5 घंटे लग जा रहे हैं। उसमें अधिक पैसे खर्च हो रहे हैं। इन सब बातों पर विचार करने के लिए डीएम ने कमेटी को निर्देश दिया है।