DESK : हमारे देश में लॉकडाउन का दूसरा चरण चल रहा है जो 3 मई तक लागू रहेगा. लॉक डउन का आदेश सरकार ने ये सोच के दिया था कि, यदि लोग घर में रहेंगे तो कोरोना संक्रमण की चेन टूट जाएगी और कोरोना वायरस खत्म हो जाएगा. सरकार के इस कदम से बीमारी फैलने की रफ़्तार कम तो हुई है पर अभी भी देश में कोरोना के 15000 से ज्यादा एक्टिव केस मौजूद है.
कोरोना एक संक्रामक बीमारी है जो इंसान के रेस्पिरेटरी सिस्टम को सबसे पहले इन्फेक्ट करता है. इन्फेक्शन इतना ज्यादा हो जाता है की इंसान बिना ऑक्सीजन के सांस नहीं ले पता. शरीर में काफी कमजोरी महसूस होने लगती है. यदि कोई इंसान पहले से किसी अन्य बीमारी से ग्रसित है तो उनके लिए ये जानलेवा भी साबित हो रही है.
रिसर्चर्स की एक रिपोर्ट की माने तो कोरोना वायरस फेफडों के साथ ही शरीर के कई अहम् हिस्सों को भी प्रभावित करता है. रिपोर्ट में रिसर्चर्स ने दावा किया है कि COVID-19 ब्लड सेल्स की परत पर हमला कर शरीर के कई मुख्य अंगों को खराब कर देता है. ज्यूरिक यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल के शोधकर्ता फ्रैंक रुचित्जका का कहना है कि कोरोना फेफड़ों के अलावा शरीर के हर हिस्से में ब्लड सेल्स के जरिए अटैक करता है.
फ्रैंक ने बताया कि कोरोना वायरस निमोनिया से भी कहीं ज्यादा खतरनाक है. वायरस हमारे शरीर के लिए सुरक्षा कवच की तरह काम करने वाली एंडोथीलियम लेयर के अंदर तक दाखिल हो जाता है जिससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ जाती है. बॉडी में ब्लड फ्लो की रफ़्तार धीमी होने लगती है. इस वजह से हार्ट, किडनी और इन्टेसटाइन जैसे वाइटल ऑर्गेनस को काम करने में परेशानी होने लगती है.
दरअसल हाइपरटेंशन, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और मोटापे जैसी गंभीर बीमारी से पहले से शिकार लोग कोरोना वायरस की चपेट में ज्यादा आते हैं. इन मरीजों के शरीर में ब्लड सेल्स की सुरक्षा करने वाली एंडोथीलियम लेयर कमजोर पड़ जाती है, जिसकी वजह से वायरस आसानी से अटैक कर पाता है.रुचित्जका ने बताया कि तीन रोग से ग्रसित रोगियों की 'ब्लड वेसेल्स लाइनिंग' वायरस से भरी हुई थी. इसकी वजह से उनके शरीर के कई अंग खराब हो रहे थे.इनके बॉडी में ब्लड फ्लो कम होने की वजह से फेफड़े, हृदय, किडनी और लिवर ने ठीक से काम करना बंद कर दिया था.