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1st Bihar Published by: Updated Tue, 18 May 2021 07:45:43 AM IST
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PATNA : कोरोना के भीषणतम त्रासदी के बीच बिहार की नीतीश सरकार का झूठ हर रोज सामने आ रहा है. सोमवार को पटना हाईकोर्ट में सरकार का नया झूठ सामने आ गया. दरअसल कोर्ट ने बक्सर में गंगा नदी में लाशों के मिलने के बाद सरकार से रिपोर्ट मांगी थी. सरकार के दो आलाधिकारियों ने अलग अलग रिपोर्ट सौंपी, उसमें पूरी कलई खुल गयी.
देखिये कोरोना के नाम पर सरकार का खेल
दरअसल बक्सर में गंगा नदी में कई शव बरामद हुए थे. बिहार सरकार ने इसका दोष उत्तर प्रदेश के माथे मढ दिया था. लेकिन कोरोना के मामलों की मॉनिटरिंग कर रही हाईकोर्ट की टीम ने सरकार से लाशों के मिलने पर जवाब मांगा था. कोर्ट में सोमवार को दो रिपोर्ट पेश की गयी. एक बिहार के मुख्य सचिव की ओऱ से तो दूसरी पटना के प्रमंडलीय आयुक्त की ओऱ से.
बिहार के मुख्य सचिव की ओर से सौंपी गयी रिपोर्ट में कहा गया कि 1 मार्च 2021 से 13 मई तक बक्सर में कोरोना से सिर्फ 6 मौत हुई हैं. लेकिन प्रमंडलीय आयुक्त की रिपोर्ट ने सरकार के खेल को उजागर कर दिया. प्रमंडलीय आयुक्त ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सिर्फ 10 दिनों में यानि 5 मई से 14 मई तक बक्सर के श्मशान घाट पर 789 लाशों का अंतिम संस्कार किया गया.
एक ही दिन 106 शवों का अंतिम संस्कार
आयुक्त ने अपनी रिपोर्ट में जो तथ्य दिये हैं वो ये बताने के लिए काफी है कोरोना का कहर किस तरह बरस रहा है. आयुक्त की रिपोर्ट के मुताबिक बक्सर में 10 दिनों में 789 शवों का अंतिम संस्कार श्मशान घाट पर किया गया. अकेले 10 मई को 106 शव जलाये गये. 5 मई को 102 शवों का अंतिम संस्कार हुआ. हर रोज कम से कम 50 शवों का अंतिम संस्कार हुआ. ये सारे अंतिम संस्कार बक्सर के मुक्तिधाम चरित्रवन में हुए.
नाराज हाईकोर्ट ने जवाब मांगा
सरकार के दो आलाधिकारियों की अलग अलग रिपोर्ट के बाद नाराज कोर्ट ने महाधिवक्ता ललित किशोर से पूछा कि ये कैसे हो रहा है मुख्य सचिव सिर्फ 6 मौत की बात कह रहे हैं. जबकि आयुक्त सिर्फ 10 दिनों में 789 मौत की पुष्टि कर रहे हैं. महाधिवक्ता ललित किशर ने कहा कि वे बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग से बात कर कोर्ट को मामले की पूरी जानकारी देंगे. हाईकोर्ट ने पूरी विस्तृत जानकारी मांगी है. बक्सर में कोरोना के कितने मरीजों की पहचान हुई, जिन मरीजों के मौत की जानकारी सरकार दे रही है वे कहां के हैं. उनकी मौत कैसे हुई इसकी खबर सरकार को है या नहीं. कोर्ट ने महाधिवक्ता को 19 मई तक डिटेल रिपोर्ट देने को कहा है.