MADHUBANI: पटना के गांधी मैदान में पिछले दिनों सीपीआई के मंच से सीएम नीतीश ने गठबंधन के प्रति कांग्रेस के रवैये पर नाराजगी जताई थी और कहा था कि कांग्रेस पांच राज्यों के चुनाव में व्यस्त है, उसे गठबंधन से कोई लेना देना नहीं है। नीतीश के नाराजगी जताने के बाद मीडिया में खबरें आईं कि कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने मुख्यमंत्री से फोन पर बात की है और इसको लेकर तरह तरह के कयास लगाए जाने लगे। कांग्रेस से नीतीश की नाराजगी पर प्रशांत किशोर की प्रतिक्रिया आई है।
जन सुराज यात्रा पर मधुबनी पहुंचे प्रशांत किशोर ने कहा है कि आप बिना किसी नैरेटिव के, बिना किसी विचारधारा के, बिना किसी कार्यक्रम के आप अलग-अलग दलों के नेताओं को एक साथ बैठा देंगे। नेता या दल एक साथ चाय पी सकते हैं, नाश्ता कर सकते हैं, इसके बाद प्रेस वार्ता भी कर सकते हैं, लेकिन उससे जमीन पर कोई असर नहीं हो सकता। दो सालों से बता रहा हूं कि नेताओं के साथ बैठ जाने से गठबंधन की ताकत नहीं बनती।
पीके ने आगे कहा कि इंडी गठबंधन में जो आपस में खींचतान दिख रही है वो तो होना ही था। इन्होंने अपना कॉमन मिनिमम प्रोग्राम तक शुरू नहीं किया ताकि जनता कुछ समझ पाए। यही कारण है कि नीतीश कुमार ने दो दिन पहले कहा था कि कांग्रेस सीरियस नहीं है। इससे पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी मध्य प्रदेश की घटनाओं पर अपनी राय रख चुके हैं। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएगा विरोधाभास और अधिक देखने को मिलेगा।
उन्होंने कहा कि अगर आपके पास नैरेटिव नहीं है और जमीन पर जनता से जुड़ने के लिए मुद्दे नहीं हैं तो आपको राजनीतिक सफलता मिल ही नहीं सकती। विपक्षी गठबंधन की पिछले चार महीने में कोई उपलब्धि नहीं है। विपक्षी दल तीन बार मिले और अपना नाम UPA से बदल कर I.N.D.I.A कर दिया है। इसके बाद न तो कोई कार्यक्रम घोषित किया गया और ना ही कोई कार्यक्रम हुआ।