DESK : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने युवाओं के हित में शनिवार को बड़ा निर्णय लेते नागरिक पुलिस में सिपाही के पदों के लिए हुई भर्ती परीक्षा को निरस्त कर दिया है। यह फैसला उन्होंने पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ हुई उच्चस्तरीय बैठक में समीक्षा करने के बाद किया। यह परीक्षा 17-18 फरवरी को हुई थी। इसमें करीब 50 लाख युवाओं ने आवेदन किया था और 48 लाख अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी।
वहीं, मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि इन भर्तियों को छह माह के भीतर ही पूर्ण शुचिता के साथ आयोजित किया जाए। साथ ही युवाओं की मेहनत और परीक्षा की शुचिता से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई होगी। उन्होंने एसटीएफ को सख्ती से जांच करने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने युवाओं के हित में शनिवार को बड़ा निर्णय लेते नागरिक पुलिस में सिपाही के पदों के लिए हुई भर्ती परीक्षा को निरस्त कर दिया है।
वहीं, मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि इन भर्तियों को छह माह के भीतर ही पूर्ण शुचिता के साथ आयोजित किया जाए। साथ ही युवाओं की मेहनत और परीक्षा की शुचिता से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई होगी। उन्होंने एसटीएफ को सख्ती से जांच करने के भी निर्देश दिए। यह फैसला उन्होंने पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ हुई उच्चस्तरीय बैठक में समीक्षा करने के बाद किया। यह परीक्षा 17-18 फरवरी को हुई थी। इसमें करीब 50 लाख युवाओं ने आवेदन किया था और 48 लाख अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी।
मालूम हो कि, पेपर लीक होने की खबरों से लाखों अभ्यर्थी नाराज थे और वह एग्जाम रद्द करने की मांग कर रहे थे। प्रदेश की राजधानी में सैकड़ो की संख्या में अभ्यर्थी धरने पर बैठे थे। लखनऊ के ईको गार्डन में यूपी पुलिस के पेपर देने वाले बच्चे धरने पर बैठे थे और इनका कहना है कि पेपर लीक हुआ है और दोबारा यूपी पुलिस का पेपर होना चाहिए। प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा थाकि टेलीग्राम पर मैसेज आया था और बताया गया था कि पेपर लीक हो गया है। उनका आरोप है कि 9 बजकर 16 मिनट पर टेलीग्राम पर पेपर आउट हो गया था।