DELHI : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर से रिश्ते को लेकर चल रही अटकलबाजी पर खुद विराम लगा दिया है। जेडीयू राष्ट्रीय परिषद की बैठक में प्रशांत किशोर को लेकर नीतीश कुमार ने अपने नेताओं के सामने सारी गलतफहमी दूर कर दी। नीतीश कुमार ने स्पष्ट कर दिया कि प्रशांत किशोर जेडीयू के लिए क्या अहमियत रखते हैं। नीतीश कुमार ने मंगलवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति बनाने का जिम्मा प्रशांत किशोर को सौंपा था।
दिल्ली में आज हुई राष्ट्रीय परिषद की बैठक में नीतीश कुमार की बगल वाली कुर्सी पर प्रशांत किशोर मौजूद थे। जिन नेताओं को राष्ट्रीय परिषद की बैठक में संबोधन करना था उस लिस्ट में प्रशांत किशोर का नाम भी शामिल था, लेकिन संबोधन के लिए बुलाए जाने पर पीके ना नुकुर करने लगे। तब नीतीश कुमार ने खुद प्रशांत किशोर को संबोधन करने का इशारा किया। राष्ट्रीय परिषद को संबोधित करते हुए पीके ने कहा कि वह अगले 3 साल में पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर तीसरे नंबर की पार्टी बनाने का लक्ष्य पूरा करना चाहते हैं प्रशांत किशोर ने कहा कि वह पार्टी के लिए लगातार कमिटेड हैं और नीतीश कुमार के न्याय के साथ विकास की नीति उन्हें पसंद है।
राष्ट्रीय परिषद में संबोधन की बारी जब नीतीश कुमार की आई तो वह भी प्रशांत किशोर की चर्चा करना नहीं भूले। नीतीश कुमार ने दो टूक कह दिया कि प्रशांत किशोर ने 7 निश्चय का जो ब्लू प्रिंट तैयार किया था, बिहार में सरकार आज भी उस पर काम कर रही है। भले ही महागठबंधन की सरकार बिहार में खत्म हो गई हो लेकिन एनडीए के साथ रहकर भी वह सात निश्चय पर काम कर रहे हैं। नीतीश ने कहा कि प्रशांत किशोर ने जिस सात निश्चय का मॉडल तैयार किया उसे आज केंद्र सरकार अपना रही है। राष्ट्रीय परिषद की बैठक में खुले मंच से नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी के साथ-साथ विपक्ष के उन नेताओं की गलतफहमी दूर कर दी जो यह मान बैठे थे कि प्रशांत किशोर अब नीतीश कुमार से दूरी बना बैठे हैं।