SITAMARHI : बिहार में सुशासन का राग अलापने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उनके ही दल के सांसद और सहयोगी दल के विधायक आईना दिखा रहे हैं. राज्य में बेलगाम लॉ एंड आर्डर से टेंशन में आये बीजेपी के विधायक ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर ये कहा है कि "माननीय मुख्यमंत्री जी, मेरे क्षेत्र की जनता दहशत में जी रही है."
सीतामढ़ी से बीजेपी विधायक डॉ. मिथिलेश कुमार ने जिले में तेजी से बढ़ती आपराधिक घटनाओं को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की है. एमएलए डॉ. मिथिलेश ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर यह कहा है कि सीतामढ़ी जिले के एसपी अनिल कुमार को हटा दीजिये. सीतामढ़ी जिले के साथ-साथ नेपाल की सीमा से सटे जिलों में युवा और गतिशील पुलिस कप्तान की पोस्टिंग की जाये. एनडीए की सरकार में आपराधिक घटनाओं का बढ़ना चिंता की बात है.
विधायक ने अपने पत्र में ये भी लिखा है कि इस विषय में पूर्व में भी मुख्यमंत्री से मिलकर अपील की गई थी. दरअसल बीजेपी विधायक डॉ. मिथिलेश कुमार चाहते हैं कि जिले के एसपी अनिल कुमार का तबादला हो जाये क्योंकि वह जिले में बढ़ते अपराध को कंट्रोल करने में फेल हैं. गौरतलब हो कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी के सांसद सुनील कुमार पिंटू भी सीतामढ़ी के एसपी अनिल कुमार को हटाने के लिए मुख्यमंत्री से मांग कर चुके हैं.
आपको बता दें कि सीतामढ़ी के एसपी अनिल कुमार दो साल पहले जिले में आये थे. 8 मार्च 2019 को रातों-रात इनका तबादला कर सीतामढ़ी भेजा गया था, जब ये गया जिले में सिटी एसपी के पद पर तैनात थे. जब गया में इनको तैनात किया गया था तब गया सिटी एसपी का पद तकरीबन डेढ़ महीने से खाली था. जब अनिल कुमार को डीएसपी से आईपीएस अधिकारी के रूप में प्रमोशन मिला तो इन्हें नीतीश सरकार में गया का सिटी एसपी बनाया गया.
गौरतलब को की गया में सिटी एसपी के रूप में प्रतिनियुक्ति से पहले अनिल कुमार पटना में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के एसपी का पद संभाल रहे थे. बता दें कि 27 अप्रैल, 2018 को जब गया के सिटी एसपी गौरव मंगला को मुंगेर का एसपी बनाया गया तो तब से ही गया सिटी एसपी के पद पर किसी की नियुक्ति नहीं हुई थी.
6 मार्च 2019 को सीतामढ़ी में कथित तौर पर पुलिस कस्टडी में 2 युवकों की मौत के बाद नीतीश सरकार ने तत्कालीन एसपी आईपीएस डी अमरकेश को हटा दिया था. 2013 बैच के आईपीएस डी अमरकेश को हटाने के बाद ही अनिल कुमार को यहां का एसपी बनाया गया था. डी अमरकेश सिर्फ 18 दिन ही सीतामढ़ी के एसपी रहे क्योंकि पुलिस कस्टडी में मौत वाले मामले से ठीक पहले 18 फरवरी को ही इन्हें सीतामढ़ी में पुलिस कप्तान की जिम्मेदारी दी गई थी.
आपको बता दें कि बीते बुधवार को जिले के मेजरगंज थाना अंतर्गत कुंवारी गांव में छापेमारी करने पहुंची पुलिस टीम पर शराब तस्करों ने फायरिंग कर दी थी, जिसमें मेजरगंज थाने के दारोगा दिनेश राम शहीद हो गए थे. जबकि इसी घटना में एक चौकीदार लालबाबू पासान भी जख्मी हो गए थे. एनकाउंटर के दौरान पुलिस की गोली से एक बदमाश रंजन सिंह भी मारा गया था.