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06-Jul-2019 02:14 PM
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PATNA: बिहार की विशेष राज्य की मांग पर कोई नोटिस नहीं. बैकवार्ड रीजन ग्रांट फंड(BRGF) के तहत बिहार को मिलने वाली सहायता का कोई अता पता नहीं. बिहार के लिए कोई नयी योजना नहीं. निर्मला सीतारमण के आम बजट को बिहार के नजरिये से देखें तो यही बातें सामने आती हैं. लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ऐसे बेबस दिखे कि देश के आम बजट पर 6 लाइन का प्रेस रिलीज जारी कर चुप्पी साध ली. इस 6 लाइन की प्रेस रिलीज में भी आम बजट के लिए तारीफ के शब्द ही निकले हैं. बजट पर नीतीश की प्रेस रिलीज देश के आम बजट के बाद नीतीश कुमार ने मीडिया के सामने प्रतिक्रिया देने की अपनी ही परंपरा को इस बार तोड़ दिया. हर साल बजट के बाद वे मीडिया के सामने लंबी चौड़ी प्रतिक्रिया देते थे. इस बार उन्होंने प्रेस रिलीज जारी किया है. मीडिया से दूरी शायद इसलिए बरती क्योंकि सवाल पूछे जाते, जिनके जबाव शायद उनके पास नहीं थे. नीतीश की प्रेस रिलीज में आम बजट का स्वागत किया गया है. उन्होंने केंद्र सरकार के हर घर तक जल पहुंचाने की योजना का भी स्वागत करते हुए कहा है कि वे इसे पहले से ही बिहार में लागू कर चुके हैं. बिहार के मुख्यमंत्री ने इलेक्ट्रिक वाहन पर टैक्स में छूट और स्वच्छ भारत मिशन के गावों पर विस्तार के एलान को भी सराहनीय बताया है. यानि नीतीश को आम बजट की चार बातें सही नजर आयी. केंद्र में लंबे अर्से तक रेल मंत्री रह चुके नीतीश कुमार ने रेलवे में पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप पर केंद्र सरकार को एक नसीहत भी दी है. उन्होंने कहा है कि सरकार को ये तय करना चाहिये कि जनता के बीच ये मैसेज न जाये कि रेलवे का निजीकरण किया जा रहा है. बिहार के नजरिये से आम बजट डेढ़ महीने पहले नीतीश कुमार ने खुद बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को फिर से जिंदा किया था. आम बजट में इसका नोटिस तक नहीं लिया गया. बिहार को पिछड़ापन से निकालने के लिए केंद्र सरकार से बैकवार्ड रीजन ग्रांट फंड से पैसा मिलता रहा है. बिहार-झारखंड के बंटवारे के वक्त ही केंद्र सरकार ने तय किया था कि बिहार को पिछड़ेपन से निकलाने के लिए खास मदद दी जायेगी. इस बार के बजट में इसका कोई जिक्र नहीं है. रघुराम राजन कमिटी ने भी पिछड़े राज्यों के लिए कई अनुशंसायें की थी. नीतीश खुद इस कमिटी की रिपोर्ट को अमल में लाने की मांग करते रहे हैं. बजट में ये तमाम बातें कहीं नहीं है. हालांकि केंद्र सरकार ने गरीबों के लिए कई नयी योजनायें शुरू करने या पहले से चल रही योजनाओं में ज्यादा पैसे देने का एलान किया है. देश के सबसे गरीब राज्यों में शामिल बिहार को इसका फायदा मिलेगा. लेकिन बिहार के लिए कोई खास प्रावधान नहीं किया गया है. इतने बेबस क्यों हो गये नीतीश सवाल का एक ही जबाव है, सत्ता. नीतीश जानते हैं कि उनके बयानों से बीजेपी पहले से ही नाराज है. जेडीयू और बीजेपी के संबंधों में तल्खी साफ साफ दिखने लगी है. नीतीश को अपनी सत्ता बचाये रखने के लिए कोई दूसरा समीकरण फिलहाल नहीं दिख रहा है. ऐसे में बीजेपी को ज्यादा नाराज किया तो कुर्सी जा सकती है. लिहाजा बीजेपी या केंद्र सरकार के किसी फैसले पर नीतीश बड़े सोंच विचार कर ही कोई प्रतिक्रिया दे रहे हैं