Bihar News: रिश्वत में वाशिंग मशीन और कैश लेते गिरफ्तार हुए दारोगा साहेब, निगरानी ने कुछ ऐसे दबोचा Cooperative Banks loan in Bihar: बिहार के 15 जिलों में खुलेंगे सहकारी बैंक, एक लाख लोगों को मिलेगा लोन Boycott Turkish Products: भारत में शुरू हुआ तुर्की का आर्थिक बहिष्कार, 2023 में हमारी दरियादिली देखी, अब भुगतो नाराजगी बिहार में नहीं थम रहा भूमि विवाद का मामला: मुजफ्फरपुर में जमीन कारोबारी की हत्या, दूसरे की हालत गंभीर CBSE Board 12th Result 2025: गोल इंस्टीट्यूट के छात्र-छात्राओं ने लहराया परचम PATNA: बिहार के शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों के लिए अच्छी खबर, वेतन भुगतान के लिए 28 अरब से अधिक की राशि जारी Patna News: पटना में लेडीज स्पेशल पिंक बस के परिचालन का मार्ग निर्धारित, जानिए.. किराया और रूट Patna News: पटना में लेडीज स्पेशल पिंक बस के परिचालन का मार्ग निर्धारित, जानिए.. किराया और रूट Bihar News: अब विदेशी भाषा सीखेंगे बिहार के छात्र, राज्यभर के 15 इंजीनियरिंग कॉलेज में हुई शुरुआत Bihar News: अब विदेशी भाषा सीखेंगे बिहार के छात्र, राज्यभर के 15 इंजीनियरिंग कॉलेज में हुई शुरुआत
1st Bihar Published by: Updated Wed, 02 Mar 2022 04:58:59 PM IST
- फ़ोटो
PATNA: गैरकानूनी तरीके से हटाए गये मोतिहारी के लोक अभियोजक (PP) जय प्रकाश मिश्र के मामले में आज पटना हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने इस बात पर नाराजगी जाहिर की है कि अदालत के आदेश के बावजूद पीपी को अब तक पद पर बहाल क्यों नहीं किया गया। कोर्ट ने इसे लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रधान सचिव को नोटिस जारी किया है।
जस्टिस पीबी बजन्थरी की एकलपीठ ने गैरकानूनी तरीके से हटाए गए मोतिहारी के लोक अभियोजक जय प्रकाश मिश्र द्वारा अदालती आदेश की अवमानना को लेकर दायर अवमानना याचिका पर अधिवक्ता राजीव रंजन व अधिवक्ता डॉ सतीश चन्द्र मिश्र को सुनने के बाद उक्त आदेश को पारित किया। वही इससे पूर्व कोर्ट ने विधि विभाग के संयुक्त सचिव को नोटिस जारी करते हुए उनसे स्पष्टीकरण मांगा था। कोर्ट का कहना था कि विधि विभाग के संयुक्त सचिव उमेश कुमार शर्मा को खुद पहल करनी चाहिए थी। पटना हाईकोर्ट के आदेश का पालन करना चाहिए था। इस मामले पर आगे की सुनवाई दस दिनों के अंदर की जाएगी।
कोर्ट की ओर से पूछा गया था कि अदालती आदेश की अवहेलना के मामले में क्यों नहीं उन्हें जिम्मेवार माना जाय। कोर्ट ने सरकारी वकील को स्पष्ट रूप से कहा था कि अवमानना का यह मामला दोषी पदाधिकारी के विरुद्ध दायर किया गया है, इसलिये इस मामले को लेकर जिम्मेदार व्यक्ति को स्वयं अदालत में अपना जवाब देना होगा। अदालती आदेश का पालन निर्धारित अवधि में आखिर क्यों नही किया गया। पूर्व में कोर्ट को सरकार की ओर से बताया गया कि इस मुकदमे से संबंधित संचिका मुख्यमंत्री के यहां लंबित है। इस वजह से अदालती आदेश का पालन नहीं हो सका है।