मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव को कोर्ट ने भेजा नोटिस, आदेश के बावजूद पीपी की बहाली नहीं होने पर कोर्ट ने जतायी नाराजगी

मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव को कोर्ट ने भेजा नोटिस, आदेश के बावजूद पीपी की बहाली नहीं होने पर कोर्ट ने जतायी नाराजगी

PATNA: गैरकानूनी तरीके से हटाए गये मोतिहारी के लोक अभियोजक (PP) जय प्रकाश मिश्र के मामले में आज पटना हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने इस बात पर नाराजगी जाहिर की है कि अदालत के आदेश के बावजूद पीपी को अब तक पद पर बहाल क्यों नहीं किया गया। कोर्ट ने इसे लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रधान सचिव को नोटिस जारी किया है। 


जस्टिस पीबी बजन्थरी की एकलपीठ ने गैरकानूनी तरीके से हटाए गए मोतिहारी के लोक अभियोजक जय प्रकाश मिश्र द्वारा अदालती आदेश की अवमानना को लेकर दायर अवमानना याचिका पर अधिवक्ता राजीव रंजन व अधिवक्ता डॉ सतीश चन्द्र मिश्र को सुनने के बाद उक्त आदेश को पारित किया। वही इससे  पूर्व कोर्ट ने विधि विभाग के संयुक्त सचिव को नोटिस जारी करते हुए उनसे स्पष्टीकरण मांगा था। कोर्ट का कहना था कि विधि विभाग के संयुक्त सचिव उमेश कुमार शर्मा को खुद पहल करनी चाहिए थी। पटना हाईकोर्ट के आदेश का पालन करना चाहिए था। इस मामले पर आगे की सुनवाई दस दिनों के अंदर की जाएगी।


कोर्ट की ओर से पूछा गया था कि अदालती आदेश की अवहेलना के मामले में क्यों नहीं उन्हें जिम्मेवार माना जाय। कोर्ट ने सरकारी वकील को स्पष्ट रूप से कहा था कि अवमानना का यह मामला दोषी पदाधिकारी के विरुद्ध दायर किया गया है, इसलिये इस मामले को लेकर जिम्मेदार व्यक्ति को स्वयं अदालत में अपना जवाब देना होगा। अदालती आदेश का पालन निर्धारित अवधि में आखिर क्यों नही किया गया। पूर्व में कोर्ट को सरकार की ओर से बताया गया कि इस मुकदमे से संबंधित संचिका मुख्यमंत्री के यहां लंबित है। इस वजह से अदालती आदेश का पालन नहीं हो सका है।