PATNA : अधिकारियों की तानाशाही का आरोप लगाकर मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने का एलान करने वाले मंत्री मदन सहनी की आज सीएम आवास में जमकर क्लास लगी. इस्तीफे के एलान के पांच दिन बाद नीतीश कुमार ने उन्हें मिलने का समय दिया. मंगलवार की शाम जब मदन सहनी पहुंचे तो ट्रांसफर-पोस्टिंग में उनके कारनामे की फेहरिश्त उनके सामने रख दी गयी. इस्तीफे का एलान कर मंत्री मदन सहनी सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे थे लेकिन खुद फंस गये. हाल ये हुआ कि सीएम आवास में क्लास के बाद मदन सहनी मीडिया से बचने के लिए पिछले दरवाजे से निकल गये. हालांकि उन्होंने बाद में कहा कि सारा मामला सुलझ गया है. सीएम का आशीर्वाद उन्हें मिल गया.
प्रधान सचिव ने खोल दिया सारा राज
मदन सहनी मंगलवार की शाम सीएम आवास पहुंचे थे. उनके पहुंचने के कुछ देर बाद ही समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिव अतुल प्रसाद को सीएम आवास तलब किया गया. अतुल प्रसाद कई फाइल को लेकर सीएम आवास पहुंचे थे. मंत्री ने उन पर ही तानाशाही का आरोप लगाया था, प्रधान सचिव पूरे विवरण को लेकर सीएम के पास पहुंचे. कौन तानाशाही कर रहा है या कौन गड़बड़ी कर रहा है.
ट्रांसफर पोस्टिंग में खेल हुआ उजागर
मंत्री मदन सहनी का अपने विभाग के प्रधान सचिव से ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर विवाद हुआ था. प्रधान सचिव ने पहले ही मंत्री द्वारा भेजी ट्रांसफर-पोस्टिंग की सूची में गडबड़ी की रिपोर्ट मुख्य सचिव के पास भेज दी थी, जिसे मुख्यमंत्री के पास पहुंचा दिया गया था. आज सीएम आवास में प्रधान सचिव ने बताया कि सीडीपीओ की ट्रांसफर पोस्टिंग की जो सूची मंत्री मदन सहनी ने तैयार की थी उसमें कितनी गड़बड़िया थीं. पहले से दागदार सीडीपीओ को मलाईदार जगह पर तैनात करने की सिफारिश की गयी थी. सरकार ने तय कर रखा है कि किसी पदाधिकारी को एक स्थान पर तीन साल की सेवा के बाद ही ट्रांसफर किया जाये. लेकिन मदन सहनी ने जो सूची तैयार की थी उसमें ऐसे दर्जनों सीडीपीओ थीं जिनका तीन साल पूरा नहीं हुआ था. प्रधान सचिव ने मंत्री के स्तर पर की जा रही गडबड़ियों की पोल खोल कर रख दी थीं.
बैकफुट पर आये मदन सहनी
फाइल में दर्ज गड़बडियों के खुल जाने के बाद मंत्री मदन सहनी के तेवर बदल गये. वैसे भी नीतीश कुमार भी शुरू से ही समझ रहे थे कि मदन सहनी की मंशा क्या है. मदन सहनी को अगर इस्तीफा देना होता तो वे पहले दिन ही त्याग पत्र सीएम के पास भेज देते. वे सरकार पर दबाव बनाकर अपना काम निकलवाना चाह रहे थे. यानि ट्रांसफर पोस्टिंग की उस सूची को पास कराना चाह रहे थे जो उन्होंने तैयार की थी.
मंत्री के एक स्टाफ की कारगुजारी सामने आयी
सीएम आवास में हुई इस बैठक में मंत्री मदन सहनी के एक स्टाफ की कारगुजारी भी सामने आयी. वैसे भी पूरे विभाग में मंत्री के स्टाफ के कारनामों की लगातार चर्चा होती रही है. चर्चा ये भी होती रही है कि मंत्री के स्टाफ ने ही ट्रांसफर पोस्टिंग की सूची तैयार करायी थी. उसके बदले में जो मैनेजमेंट हुआ उसकी भी चर्चा जोर शोर से होती रही है. समझा जाता है कि सीएम आवास से मदन सहनी को उस स्टाफ के बारे में भी सख्त निर्देश मिले हैं.
कुल मिलाकर मदन सहनी का प्लान फेल कर गया. हालांकि सत्ता का जो समीकरण है उसमें जेडीयू अपने एक-दो विधायकों को भी नाराज करने का जोखिम नहीं मोल ले सकती. लिहाजा मदन सहनी को थोड़ा आश्वासन भी मिला. लेकिन जिस इरादे से उन्होंने इस्तीफे की धमकी दी थी वह पूरा होता नहीं दिखा.