MUNGER : बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले एसपी लपि सिंह को एक बड़ी कामयाबी मिली है. पुलिस कप्तान ने खुद बड़ी कार्रवाई करते हुए भारी मात्रा में हथियारों की डीलिंग को नाकाम कर दिया है. मुंगेर पुलिस ने 19 देसी कट्टा और एक पिस्टल के साथ 4 हथियार सप्लायरों को धर दबोचा है. हथियारों के साथ भारी संख्या में गोलियां भी बरामद की गई हैं.
मुंगेर पुलिस अधीक्षक लिपि सिंह के नेतृत्व में हुई कार्रवाई के दौरान जिला पुलिस ने हथियारों की बहुत बड़ी खेप बरामद किया गया है. पुलिस अधीक्षक खुद छापामारी अभियान का नेतृत्व कर रही थी. एसपी के नेतृत्व में दियारा इलाके में छापामारी के दौरान पुलिस ने 19 देशी कट्टा, एक सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल, .315 बोर की 19 गोलियाँ, दो ग्जीन, 7.65 एमएम की चार गोलियां बरामद की है.
हथियारों के साथ चार लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है. कासिम बाजार थाना क्षेत्र में प्राथमिकी दर्ज की गई है. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि दियारा इलाके से हथियारों के एक बड़े खेप के मूवमेंट की जानकारी मिली थी. इस सूचना के बाद दियारा इलाके की रेकी कराई गयी. शुक्रवार को अहले सुबह एसपी लिपि सिंह ने खुद अपनी स्पेशल टीम के साथ दियारा की घेराबंदी शुरू कर दी. गिरफ्तार तस्कर कासिम बाजार थाना अंतर्गत दुमंथा घाट की ओर आ रहे थे और इसी दौरान एसपी लिपि सिंह के नेतृत्व वाली टीम ने चारों तरफ से घेराबंदी कर दो तस्करों समेत चार अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया.
पुलिस की कार्रवाई में पटना जिले के बाढ़ थाना अंतर्गत दाहौर निवासी दिलीप सिंह को भी गिरफ्तार किया गया. दिलीप सिंह बाढ़ इलाके का अपराधी है और वह कॉन्ट्रैक्ट किलर का भी काम करता है. इसके अलावा मुफस्सिल थाना अंतर्गत तौफिर मय निवासी अरुण शर्मा और उसके भाई पूरन शर्मा तथा जमालपुर थाना अंतर्गत रामपुर निवासी अंशु कुमार को गिरफ्तार किया गया. अंशु कुमार आर्म्स डीलिंग में बिचौलिए का काम करता है जबकि अरुण शर्मा और पूनम शर्मा अवैध हथियार बनाते हैं.
पटना जिले का बाढ़ निवासी दिलीप सिंह हथियारों की खरीद करने आया था. दिलीप सिंह और अंशु कुमार हथियारों की खेप को लेकर पटना, लखीसराय, बेगूसराय और समस्तीपुर में आपूर्ति करने वाले थे लेकिन ऐन समय पर पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया. हथियारों की खेप बरामद होने के बाद गिरफ्तार अपराधियों से पूछताछ की गई है. दिलीप सिंह ने कई कांडों में अपनी संलिप्तता स्वीकारी है. पुलिस अधीक्षक लिपि सिंह ने बताया कि गिरफ्तार अपराधियों के खिलाफ कासिम बाजार थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई है.
एसपी लिपि सिंह को रात में ही उनके मुखबिरों से हथियारों के मूवमेंट की सूचना मिली थी. इसके बाद जिला आसूचना इकाई के जवानों को सादे लिबास में दियारा की ओर रवाना किया गया था. रात से ही दियारा इलाके और गंगा नदी में चलने वाले नावों की रेकी शुरू करा दी गई थी. पुलिस अधीक्षक को यह पक्की सूचना मिली थी कि सुबह पौ फटने के साथ ही हथियारों की डिलीवरी की जाएगी और हथियार लेकर दो तस्कर दियारा से कासिम बाजार तरफ आएंगे और हथियारों की डिलीवरी की जाएगी. यही कारण है कि दियारा इलाके में सादे लिबास में पुलिस जवानों को लगाया गया था. गंगा के दूसरे छोर पर पुलिस अधीक्षक लिपि सिंह खुद अपने जवानों के साथ मौजूद थी. रेकी करने गई टीम ने दो लोगों को थैले के साथ आते देखा और इसके बाद पूरे इलाके की घेराबंदी शुरू करा दी गई थी. दियारा के अलावा दुमंथा घाट पर भी पुलिस ने मुकम्मल घेराबंदी कराई थी और डिलीवरी के समय ही चारों को गिरफ्तार कर लिया गया.
पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए अरुण शर्मा और उसका भाई पूरन शर्मा बड़े पैमाने पर हथियारों का निर्माण करता है. दियारा इलाका के अलावा पहाड़ों पर भी जंगलों के बीच हथियार बनाने का यह काम करता था. पहले अपने घर और आसपास में ही पीर पहाड़ पर यह हथियार बनाया करता था लेकिन पुलिस की दबिश बढ़ने के बाद इसने हथियार बनाने का ठिकाना बदल दिया था और दियारा की तरफ हथियार बनाने के काम में लग गया था. पिछले 15 दिनों से अरुण शर्मा और उसके भाई पूरन शर्मा की गतिविधियों पर पुलिस की नजर थी और एसपी ने अपने मुखबिरों को इनके पीछे लगाया था. अरुण शर्मा को 7.65 एमएम का पिस्टल बनाने और उसके छोटे भाई पूरन शर्मा को देशी कट्टा बनाने में महारत हासिल है. गिरफ्तार किए गए अरुण शर्मा और पूरन शर्मा ने कई सालों से अवैध हथियार बनाने की बात स्वीकार की है.
मुंगेर पुलिस अधीक्षक लिपि सिंह के हत्थे चढ़े पटना जिले के बाढ़ निवासी दिलीप सिंह की गिरफ्तारी से कई हत्याओं को समय रहते रोक लिया गया है. दरअसल दिलीप सिंह पर बाढ़ थाना में कई मामले दर्ज हैं और वह कॉन्ट्रैक्ट किलर का भी काम करता है. इसके अलावा अपराधियों को हथियारों और गोलियों की आपूर्ति भी दिलीप सिंह द्वारा की जाती है. गिरफ्तार दिलीप सिंह ने यह स्वीकार किया है कि उसे अपने ही गांव के एक व्यक्ति और एक विधवा की हत्या करने की सुपारी दी गई थी तथा अपने ही गांव के दो लोगों की हत्या की योजना बना रहा था. इसके लिए उसे अपने ही ग्रामीण से दो लाख रूपए की सुपारी दी जा रही थी तथा उनकी हत्या के लिए ही यह हथियार ले जाया जा रहा था.
दिलीप सिंह ने यह भी बताया कि हत्या के अलावा दूसरे अपराधियों को हथियार बेचा करता है तथा मुंगेर से कई बार हथियार ले जा चुका था. गिरफ्तार दिलीप सिंह ने लखीसराय में भी एक फल कारोबारी की हत्या की सुपारी लेने की बात स्वीकार की है. दिलीप सिंह ने यह भी स्वीकार किया है कि पटना और लखीसराय जिला में तीनों हत्याओं को एक ही दिन में अंजाम दिए जाने की योजना बनी थी और तीन साथियों के साथ मिलकर वह इन हत्याओं को अंजाम देता. पहले अपने गांव के एक व्यक्ति और एक महिला की हत्या हाथीदह इलाके में करता और उसके बाद उसी दिन फल कारोबारी की हत्या करने की योजना थी. हालांकि मुंगेर पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिए जाने से पटना और लखीसराय जिला में होने वाली हत्याओं को रोक लिया गया है.
मुंगेर पुलिस ने अपराधियों के साथ-साथ हथियार बनाने वाले कारीगरों और अवैध हथियार निर्माण करने वाले लोगों पर भी नजरें टिका दी हैं. ऐसे लोगों की लिस्ट बनाई है जो अवैध हथियार बनाने का काम करते हैं. पुलिस अधीक्षक ने सभी थानों को अवैध हथियार बनाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. एसपी खुद इसकी मॉनिटरिंग कर रही हैं.
पुलिस अधीक्षक लिपि सिंह को उनके मुखबिर से सूचना मिली थी कि अरुण शर्मा और पूरन शर्मा बड़े पैमाने पर हथियार बनवाते भी हैं और दूसरे जगह से हथियार मंगा कर खरीद बिक्री का बड़ा नेटवर्क को संचालित करते हैं. इसके बाद उन्होंने अपनी टीम को अरुण शर्मा और पूरन शर्मा के पीछे लगाया था. 15 दिनों से जिला आसूचना इकाई की टीम इनकी गतिविधियों पर नजर रख रही थी. पुलिस अधीक्षक को उनके मुखबिरों ने बता दिया था कि हथियारों की एक बड़ी खेप की आपूर्ति दोनों भाइयों द्वारा की जानी थी. दोनों भाई काफी शातिर हैं और बेहद पुख्ता तरीके से हथियारों की खरीद बिक्री का रैकेट संचालित करते हैं. अरुण शर्मा और उसके भाई पूरन शर्मा की गिरफ्तारी निश्चित तौर पर मुंगेर पुलिस के लिए एक बहुत बड़ी सफलता है.