DELHI : उत्तर प्रदेश में आज अंतिम चरण का मतदान है. चार राज्यों में पहले ही चुनाव खत्म हो चुके हैं. अब आशंका जाहिर की जा रही है कि आने वाले दिनों में घरेलू बाजार में पेट्रोल-डीजल समेत तमाम पेट्रोलियम उत्पाद महंगे होंगे. यह जरूरी सामान की कीमत में बढ़ोतरी करने का भी काम करेंगे. इससे आम लोगों पर घर के बजट का बोझ बढ़ना तय है. पिछले चार महीने से पेट्रोल और डीजल की कीमतें स्थिर हैं.
हालिया जारी रिपोर्टों की मानें तो पांच राज्यों में जारी विधानसभा चुनावों के बाद दिवाली के बाद से स्थिर पेट्रोल और डीजल के दाम में तेज बढ़ोतरी की जा सकती है. इनमें 15 से 22 रुपये तक वृद्धि की संभावना व्यक्त की जा रही है. इससे जहां एक ओर सफर करना महंगा हो जाएगा, तो दूसरी ओर माल ढुलाई का खर्च भी बढ़ेगा, जिसका सीधा असर रोजमर्रा की चीजों पर पड़ेगा.
इसके अलावा खाद्य वस्तुओं के महंगे होने के आसार हैं. जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक मार्च अंत या अप्रैल की शुरुआत में हो सकती है. जीएसटी काउंसिल आगामी 47वीं बैठक में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की 5% से बढ़ाकर 8% करने पर विचार कर सकती इसके अलावा राजस्व बढ़ाने और क्षतिपूर्ति के लिए केंद्र पर राज्यों की निर्भरता खत्म करने के लिए जीएसटी व्यवस्था में छूट वाले उत्पादों की में सूची में भी काट-छांट संभव है.
सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि राज्यों के वित्त मंत्रियों का एक समूह काउंसिल को इस माह के अंत तक अपनी रिपोर्ट सौंप सकती है. इसमें सबसे निचले टैक्स स्लैब को बढ़ाने और स्लैब को तर्कसंगत बनाने जैसे कई कदमों के सुझाव दिए जा सकते हैं. वर्तमान में जीएसटी के टैक्स स्लैब में चार दरें - 5%, 12%, 18% और 28% हैं. आवश्यक वस्तुओं को या तो इस टैक्स से छूट प्राप्त है या फिर उन्हें सबसे निचले स्लैब में रखा गया है.