PATNA : अभी-अभी बड़ी खबर आ रही है। राज्य निर्वाचन आयोग ने आरा शहर के पूर्व महापौर प्रियम देवी की सदस्यता समाप्त कर दी है। पूर्व महापौर की सदस्यता समाप्त किए जाने से भोजपुर के जिला निर्वाचन पदाधिकारी, नगर आयुक्त और सदर अनुमंडल पदाधिकारी के रिपोर्ट पर भी सवाल खड़े हो गये हैं।
राज्य के मुख्य निर्वाचन आयुक्त अशोक कुमार चौहान द्वारा दिए गए 10 पन्नों का जजमेंट में आज आरा शहर के पूर्व महापौर प्रियम की सदस्यता को समाप्त कर दिया गया है साथ ही अपने आदेश में उन्होनें यह भी उल्लेखित किया कि आज से यह पद नियमानुसार रिक्त हो गया और इसे भरने की करवाई की जाए।
वर्तमान में आरा नगर निगम के वार्ड नंबर-44 की पार्षद प्रियम पर आरोप लगा था कि उन्होनें पद का दुरुपयोग करते हुए एक भवन का अनापत्ति प्रमाण नहीं लिया था। इस मामले में उनपर कई गंभीर आरोप लगे थे। नगरपालिका निर्वाचन नियमावली 2017 के मुताबिक भवन का अनापत्ति प्रमाण पत्र पूर्व महापौर प्रियम द्वारा नहीं लिया गया और अपने नाम निर्देशन पत्र में भी नहीं लगाया गया और तथ्य को छुपाया गया। भवन का कर निर्धारण भी प्रियम के द्वारा नहीं कराया गया। जबकि वर्ष 2014 से ही नगर निगम में होल्डिंग स्वामी को अपने होल्डिंग के कर निर्धारण हेतु स्व कर प्रपत्र भर कर निगम कार्यालय में जमा करने का आदेश सरकार के दिशा निर्देश पर लागू है।वहीं इस मामले में अब सदस्यता रद्द होने के बाद जिला निर्वाचन पदाधिकारी, सदर अनुमंडल पदाधिकारी और नगर आयुक्त की के रिपोर्ट पर भी सवाल खड़ा कर दिया है।