PATNA: नीतीश कैबिनेट की बैठक में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर प्रस्ताव स्वीकृत कर नीतीश सरकार ने गेंद केंद्र सरकार के पाले में डाल दिया है। कैबिनेट से प्रस्ताव स्वीकृत होने के बाद इसको लेकर सियासत शुरू हो गई है। बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा है कि चुनाव का समय नजदीक आ गया है, जिसके कारण ये लोग विशेष राज्य के दर्जा का राग अलाप रहे हैं और चुनाव आया है तो नौकरी और आरक्षण की बात कर रहे हैं।
सम्राट चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री को तो आधी बात याद ही नहीं रहती है, पिछले दिनों सदन में मुख्यमंत्री ने क्या-क्या बोल दिया। इसके बाद भी अगर नीतीश कुमार को शर्म नहीं आती है तो क्या किया जा सकता है। 15वें वित्त आयोग के बाद पूरे देश में किसी भी राज्य को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया जा सकता है। दो लाख एकसठ हजार करोड़ के बजट में मात्र 32 हजार करोड़ ही बिहार सरकार की हिस्सेदारी है। नीतीश कुमार कोई काम करना नहीं चाहते हैं। वे और कितना दिन मुख्यमंत्री रहना चाहते हैं ताकि काम कर सकें। 18 साल से मुख्यमंत्री है और बड़े भाई लालू प्रसाद ने 15 साल तक राज किया। कुल मिलाकर 33 साल राज करने के बाद विशेष राज्य का दर्जा मांग रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बिहार में एयरपोर्ट के लिए जमीन नहीं है, उद्योग के लिए जमीन नहीं है और सड़क बनाने के लिए जमीन नहीं है तो आखिर बिहार कैसे विकास करेगा। एक ही सड़क को पांच बार उद्घाटन करने के लिए जाते हैं। यही नीतीश कुमार का विजन है। अब तो वे गली नाली का भी उद्घाटन करने पहुंच जा रहे हैं, बचा क्या है। नीतीश कुमार ने बिहार के गौरवशाली इतिहास को खत्म करने का काम किया है। विक्रमशिला के लिए हर दिन केंद्रीय विश्वविद्यालय की मांग करते हैं। उसके लिए खजाने में 600 करोड़ रुपए पड़े हुए हैं लेकिन उसका इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं।
सम्राट ने कहा कि चुनाव का समय नजदीक आ गया है, जिसके कारण ये लोग विशेष राज्य के दर्जा का राग अलाप रहे हैं। चुनाव आया है तो नौकरी और आरक्षण की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी इन सभी मुद्दों पर सरकार के साथ है लेकिन वे काम तो करें। उन्होंने कहा नीतीश कुमार और कितने दिन मुख्यमंत्री रहेंगे, वे बिहार के बर्बाद करना बंद करें और बिहार को व्यवस्थित करने का काम करें।