PATNA : बिहार में हर तरफ रोजगार की बात की जा रही है। इस लोकसभा चुनाव में सबसे अधिक किसी मुद्दे पर विपक्ष हमलावर है तो मुद्दा रोजगार और सरकारी नौकरी ही है। एक तरफ से तेजस्वी अपने सार्वजनिक मंच से यह कह रहे हैं कि उन्होंने सरकार में रहते हुए लाखों लोगों को सरकारी नौकरी दिया तो वहीं सीएम नीतीश कुमार और जदयू के नेता का कहना है कि उन्होंने सिर्फ झूठ बोलने का काम किया है। यह योजना हमारी है। इस बीच अब एक बार फिर से बिहार में चुनाव के बाद लोगों को नौकरी मिलने जा रही है। आइए जानते हैं पूरी खबर क्या है ?
दरअसल, ग्रामीण कार्य विभाग में इसी साल जुलाई तक करीब चार हजार नौ पदों पर बहाली प्रक्रिया शुरू होने की संभावना है। इसके तहत अभियंता प्रमुख से लेकर सहायकों तक की बहाली होगी। इसकी मंजूरीराज्य सरकार से मिल चुकी है। अब इन पदों पर बहाली के लिए वित्तीय प्रबंधन का इंतजाम करने की प्रक्रिया शुरू होगी। इस बहाली की वजह विभाग के बढ़े कामकाज को बेहतर तरीके से पूरा करना है। इसमें ग्रामीण सड़कों, पुलों का निर्माण और मेंटेनेंस शामिल है।
मिली जानकारी के अनुसार, वर्ष 2012 में विभाग के पुनर्गठन के समय बजट करीब 1449 करोड़ रुपये था। वर्ष 2023-24 में विभाग के बजट का आकार आठ गुना बढ़कर 11 हजार 569 करोड़ रुपये हो गय। इसके साथ ही विभाग के दायित्व और कामकाज भी बढ़ गये हैं। ऐस में इन कामकाज को तय समय पर गुणवत्ता पूर्ण तरीके से करने के लिए विभाग में कई नये लोगों की जरूरत महसूस हो रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए विभाग में बहाली शुरू होने वाली है।
उधर, विभाग में जांच एवं गुणवत्ता नियंत्रण प्रमंडल के 22 कार्यालय सहित जांच एवं गुणवत्ता नियंत्रण के लिए 108 प्रयोगशाला का सृजन किया जायेगा। इसकी मंजूरी भी मिल चुकी है। इसका मकसद विभाग के तहत बनने वाले सड़कों और पुल-पुलिया का निर्माण बेहतर गुणवत्ता के साथ तय समय पर करना है। साथ ही इनके निर्माण में बेहतर सामग्रियों के इस्तेमाल की जांच करते रहना है।