तेज प्रताप यादव ने राहुल-तेजस्वी यादव की यात्रा पर बोला तीखा हमला: लोकतंत्र बचाने नहीं इसे तार-तार करने निकले हैं "राम खिचड़ी यात्रा" से सामाजिक समरसता का संदेश, समाजसेवी अजय सिंह ने शुरू की अनूठी पहल सहरसा में मरीज की मौत पर हंगामा, डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही का आरोप Bihar Crime News: भूमि विवाद में मारपीट, तीन लोग गंभीर रूप से घायल, सदर अस्पताल में भर्ती Bihar Crime News: भूमि विवाद में मारपीट, तीन लोग गंभीर रूप से घायल, सदर अस्पताल में भर्ती Bihar Politics: ‘चुनाव आयोग खुद राजनीतिक पार्टी बन गया है’ VIP चीफ मुकेश सहनी का EC पर तंज Bihar Politics: ‘चुनाव आयोग खुद राजनीतिक पार्टी बन गया है’ VIP चीफ मुकेश सहनी का EC पर तंज बिहार में 15 दिनों तक चला ऑपरेशन नया सवेरा, ह्यूमन ट्रैफिकिंग में फंसे 112 लोग कराये गये मुक्त, 50 मानव तस्कर भी गिरफ्तार Patna Crime News: पटना में सरेआम पिस्टल लहराना पड़ा भारी, पुलिस ने आरोपी युवक को किया अरेस्ट Patna Crime News: पटना में सरेआम पिस्टल लहराना पड़ा भारी, पुलिस ने आरोपी युवक को किया अरेस्ट
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 21 May 2023 10:52:16 AM IST
- फ़ोटो
PATNA : पटना हाई कोर्ट का फर्जी चीफ जस्टिस बनकर तत्कालीन डीजीपी एसके सिंघल को पैरवी वाला कॉल करने के मामले में गया के पूर्व एसएसपी आदित्य कुमार के करीबी माने जाने वाले आरोपित अभिषेक अग्रवाल को पटना हाई कोर्ट ने जमानत दे दी है। न्यायाधीश सुनील कुमार पंवार की एकलपीठ ने याचिकाकर्ता अभिषेक अग्रवाल ऊर्फ के वरीय अधिवक्ता मनन कुमार मिश्रा, अधिवक्ता विश्वजीत मिश्रा और आर्थिक अपराध इकाई के अधिवक्ता राणा विक्रम सिंह को सुनने के बाद उसे नियमित जमानत दे दी है।
दरअसल, पटना हाईकोर्ट में कल इस मामले में सुनवाई की गई। इस दौरान अभिषेक अग्रवाल की ओर से वरीय अधिवक्ता मनन कुमार मिश्रा एवं अधिवक्ता विश्वजीत कुमार मिश्र ने बताया कि इस मामले में याचिकाकर्ता को एक साजिश के तहत फंसाया गया है। उन्होंने कोर्ट को तर्क दिया कि ज्यादा से ज्यादा यह मामला आईपीसी की धारा 419 (प्रतिरूपण)का हो सकता है।
अभिषेक के वकील ने कहा कि प्राथमिकी में लगाए गए आरोप भी बेबुनियाद और गलत हैं। इस कांड में जिस सिम का उपयोग किया गया है, वह ना तो याचिकाकर्ता के नाम से है और ना ही उनके परिवार के किसी सदस्य के नाम से था। इनके आरोपों को सिर्फ आवाज की जांच के बाद ही प्रमाणित किया जा सकता है। मिश्रा ने कोर्ट को बताया कि आवाज जांच के बिना ही इस मामले में याचिकाकर्ता को अभियुक्त बना दिया गया है।
इसके आगे उन्होंने कहा कि, अभिषेक का संबंधित आईपीएस अधिकारी से कोई लेना-देना है। याचिकाकर्ता इस मामले में कहीं से भी लाभान्वित नहीं है तो कोई आखिर ऐसा क्यों करेगा? बावजूद इसके इन्हें इस मामले में अभियुक्त बनाकर जेल भेज दिया गया है। जिसके बाद जज ने दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत अभिषेक को जमानत दे दी है।
आपको बताते चलें कि, यह मामला पटना हाई कोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस संजय करोल का प्रतिरूपण कर वाट्सऐप कॉल, नार्मल कॉल से राज्य के डीजीपी को झांसा देकर अपने प्रभाव में लेकर कथित तौर पर आदित्य कुमार के हित में प्रशासनिक निर्णय लेने के के आरोप से जुड़ा हुआ है। इस मामले में अभिषेक पर आईपीसी की धारा 353, 387, 149, 420, 467, 468, 120 (बी) तथा आईटी एक्ट की धारा 66 (सी), 66 (डी) के अंतर्गत आर्थिक अपराध थाना ( पटना) कांड संख्या 33/2022 दर्ज किया गया था।