छपरा में मौत पर पर्दा डालने का खेल : जिला प्रशासन ने छिपाया, अब उत्पाद आयुक्त को जांच का जिम्मा

छपरा में मौत पर पर्दा डालने का खेल : जिला प्रशासन ने छिपाया, अब उत्पाद आयुक्त को जांच का जिम्मा

PATNA : सारण जिले में संदिग्ध परिस्थितियों में कई लोगों की मौत के बाद एक तरफ जिला प्रशासन जहां लीपापोती में जुटा रहा वहीं अब इस मामले में राज्य सरकार हरकत में आई है। परिजन सारण में हुई मौतों के मामले में यह आरोप लगाते रहे कि जहरीली शराब पीने की वजह से लोगों की मौत हो गई। मकेर से लेकर मढ़ौरा तक के इलाके में जिन लोगों की मौत हुई उनके परिजन अब खुलकर कह रहे हैं कि मौत की वजह शराब है लेकिन जिला प्रशासन इस पूरे मामले पर पर्दा डालने में जुटा रहा। सारण जिले में अब तक कुल 17 लोगों की मौत हो चुकी है। 4 दिनों के अंदर हुई इन मौतों के बाद राज्य सरकार ने जांच का जिम्मा उत्पाद आयुक्त बी कार्तिकेय धनजी और आईजी मध्य निषेध अमृतराज को दिया है। 


अपर मुख्य सचिव केके पाठक के निर्देश पर यह दोनों अधिकारी शुक्रवार को सारण पहुंचे और वहां मृतकों के परिजनों से मुलाकात की। इतना ही नहीं इन अधिकारियों ने स्थानीय लोगों से भी बातचीत की है। जांच के लिए गए अधिकारियों ने इस पूरे मामले में स्थानीय प्रशासन से भी रिपोर्ट तलब की है। शुक्रवार को दो और लोगों की संदिग्ध हालत में मौत के बाद हड़कंप की स्थिति बनी रही। होमगार्ड के एक जवान के आंखों की रोशनी भी चली गई है। उसे इलाज के लिए पटना के आईजीआईएमएस में रेफर किया गया है। 


शुक्रवार को गृह सचिव के सेंथिल कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक विधि व्यवस्था संजय सिंह, आईजी उत्पाद अमृतराज और उत्पाद आयुक्त बी कार्तिकेय धनजी जांच करने सारण पहुंचे। गृह सचिव ने समीक्षा बैठक कर शराब को लेकर सख्ती से कार्रवाई का निर्देश दिया। गृह सचिव ने सदर अस्पताल में भर्ती एक मरीज से फोन पर भी बात की।