DESK: उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में फंसे सभी 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। एनडीआरएफ की टीम ने पाइप के सहारे इन मजदूरों को सुरंग से बाहर निकाला। सभी मजदूरों को एम्बुलेंस से अस्पताल ले जाया गया है। मजदूरों के सुरंग से निकलने के बाद परिजनों में खुशी का माहौल देखा जा रहा है। भारत माता के जयकारे से पूरा इलाका गूंज उठा।
मजदूरों के सुरंग से बाहर निकलता देख वहां मौजूद परिजन काफी खुश दिखे। उनकी खुशी का ठिकाना नहीं था। पाइप के सहारे निकले मजदूरों को देख उनके आंखों में खुशी की आंसू आ गये। वही एक-एक करके मजदूरों को पाइप के जरीये सुरंग से बाहर निकाल लिया गया है। वही मौके पर मौजूद केंद्रीय मंत्री वीके सिंह और उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी मजदूरों से मिले और इस ऑपरेशन की सफलता पर खुशी जतायी।
बता दें कि 41 मजदूर 16 दिन से सुरंग में फंसे हुए थे। जिन्हें निकालने के लिए कड़ी मशक्कत की गयी और आखिरकार इसमें सफलता मिल ही गयी। मौके पर मौजूद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय मंत्री वीके सिंह मजदूरों से मिले और उनके हालात का जायजा लिया। जिसके बाद सभी को एम्बुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया है। सभी की हालात सामान्य है। सुरंग से निकलने के बाद सभी मजदूरों को सबसे पहले चाय पिलाया गया फिर एम्बुलेंस के जरिये सभी को अस्पताल ले जाया गया।
गौरतलब है कि बीते 12 नवंबर को कई मजदूर टनल के काम में लगे थे। तभी सुबह के साढ़े पांच बजे अचानक भूस्खलन होने से निर्माणाधीन टनल का 60 मीटर हिस्सा धंस गया। इस दौरान कई मजदूर तो किसी तरह बाहर निकल गये लेकिन 41 मजदूर सुरंग के अंदर फंस गये। उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल में खुदाई का काम पूरा होने में 17 दिन लग गये। मजदूरों के सुरक्षित बाहर निकलने के लिए देशभर में पूजा-अर्चना की गयी और दुआएं मांगी गयी। लोगों की दुआएं भगवान ने सुन ली है अब मजदूरों को बाहर निकालने का काम शुरू हो गया है। कुछ ही समय में सारे मजदूर सुरंग से बाहर निकलेंगे।
सुरंग में फंसे 41 मजदूरों में सबसे ज्यादा झारखंड के 15 मजदूर फंसे थे तो वही उत्तर प्रदेश के 8, बिहार के 5, ओडिशा के 5, पश्चिम बंगाल के 3, असम के 2, उत्तराखंड के 2 और हिमाचल प्रदेश के 1 मजदूर सुरंग में फंसे थे। झारखंड के मजदूरों की पहचान गणपति, विजय होरो, चमरा उरांव, मुदतू मुर्मू, महादेव, समीर, रविन्द्र, रणजीत, गुनोधर, टिंकू सरदार, सुकराम, श्राजेद बेदिया, अनिल बेदिया, सुबोध कुमार और विश्वजीत कुमार के रूप में हुई।
वही बिहार के मजदूरों की पहचान सबाह अहमद, सोनू शाह,वीरेंद्र किसकू, सुशील कुमार और दीपक कुमार के तौर पर हुई है। वही ओडिशा के मजदूरों की पहचान विशेषर नायक, राजू नायक, धीरेन, भगवान बन्ना और सपन मंडल जबकि उत्तर प्रदेश के मजदूरों की पहचान अखिलेश कुमार, अंकित, राम मिलन, सत्यदेव, जय प्रकाश, मंजीत के रूप में हुई है। उत्तराखंड के गब्बर सिंह नेगी और राम सुंदर और पश्चिम बंगाल के मनिर तालुकदार, सेविक पखेरा, जयदेव परमानिक के रूप में पहचान हुई।