PATNA : बिहार में मौसम का कहर जारी है। लगातार बढ़ते तापमान की वजह से कई लोगों की जान चली गई है। हीट स्ट्रोक से गुरुवार तक 59 लोगों की मौत हो गई। इसके शिक्षक भी शामिल है। ऐसे में अब इस मामले में बिहार के नेता विपक्ष तेजस्वी यादव ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए बिहार सरकार पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा है कि, इस भीषण गर्मी में बच्चों के लिए स्कूल बंद है तो उसी तरह शिक्षकों के लिए भी स्कूल बंद किया जाए।
तेजस्वी ने एक्स पोस्ट करते हुए लिखा है कि, बिहार में NDA सरकार की हठधर्मिता के कारण भीषण गर्मी में विद्यालय खोलने से छात्र-छात्राओं और शिक्षकों की मौत की खबर है। विपक्ष के दबाव में एक दिन पहले स्कूल बंद किए लेकिन फिर भी इस जानलेवा गर्मी में शिक्षकों को स्कूल आने के कड़े निर्देश दिए गए है। जब छात्र ही स्कूल में नहीं रहेंगे तो शिक्षक क्या करेंगे? इस भीषण गर्मी में शिक्षकों को अवश्य ही छुट्टी देनी चाहिए। बिहार की NDA सरकार शिक्षकों के प्रति ऐसे अमानवीय निर्णय क्यों ले रही है? मुख्यमंत्री सहित पूरा मंत्रिमंडल वातानुकूलित कमरों में आराम फ़रमा शिक्षकों की जान लेने पर आमादा क्यों है?
मालूम हो कि,बिहार में सबसे बेहतर नौकरी सरकारी शिक्षक की मानी जाती रही है पर अपर मुख्य सचिव केके पाठक के हाथों शिक्षा विभाग की कमान आने के बाद से शिक्षक की नौकरी को एक अलग नजरिए से देखा जाने लगा है। विभाग के नए-नए फरमान से हर शिक्षक परेशान और हलकान हैं। ऐसे में जब इन दिनों पड़ रही भीषण गर्मी की। सीएम नीतीश कुमार के आदेश पर स्कूलों को आठ जून तक बंद करा दिया है। यानी बच्चों को राहत मिल गई और शिक्षकों को नहीं।
आपको बताते चलें कि, गर्मी को देखते हुए मुख्य सचिव ने सरकारी स्कूलों के बच्चों को आठ जून तक स्कूल जाने से मुक्ति दिला दी है, लेकिन यह मुक्ति शिक्षक को नहीं मिली है। यानी स्कूल खुले रहेंगे और शिक्षक जाएंगे। इस संबंध में कई जिलों जैसे वैशाली और बेतिया के डीईओ द्वारा पत्र भी जारी कर दिया गया है। इससे पहले सैंकड़ों बच्चों के बेहोश होने के बाद सीएम नीतीश कुमार द्वारा संज्ञान लेकर सरकारी स्कूलों में शिक्षण कार्य स्थगित करने का आदेश दिया गया है। अब तेजस्वी ने यह अपील किया है कि सीएम को शिक्षकों की पीड़ा को भी समझनी चाहिए।