छठ के दौरान डूबने से 30 लोगों की मौत, आपदा विभाग के रिकॉर्ड में महज 13 लोगों की गई जान

छठ के दौरान डूबने से 30 लोगों की मौत, आपदा विभाग के रिकॉर्ड में महज 13 लोगों की गई जान

PATNA : बिहार में छठ के दौरान अलग-अलग शहरों में हुए हादसों के दौरान डूबने से 30 लोगों की मौत हो गई। जिसमें ज्यादातर बच्चे शामिल हैं। ये घटनाएं रविवार-सोमवार को घटी हैं। हालांकि, आपदा प्रबंधन विभाग के तरफ से यह आकड़ा 13 बताया जा रहा है। यानी कुल 13 लोगों की मौत हुई है। जबकि सही मायने में यह आकड़ा 30 के आस - पास है। 


मिली जानकारी के मुताबिक़,  कोसी, सीमांचल और पूर्वी बिहार के जिले में रविवार और सोमवार को डूबने से 19 लोगों की मौत हो गयी। जबकि एक लापता है। वहीं, उत्तर बिहार में कुल नौ लोगों की डूबने से मौत हो गयी। सारण व हाजीपुर में भी डूबने से एक-एक की मौत हो गयी। वहीं अररिया के बौसीं थाना क्षेत्र में पोखर में सोमवार की सुबह डूबने से एक महिला की मौत हो गयी। पलासी प्रखंड की पंचायत के बलदांती गांव में सोमवार की शाम तालाब में नहाने के दौरान डूबने से दो बच्चों की मौत हुई। ऐसे में आपदा विभाग के तरफ से जो जानकारी दी जा रही है वो यही पर गलत साबित होती हुई नजर आ रही है। 


इतना ही नहीं कटिहार के कदवा प्रखंड की भोगांव पंचायत में छठ घाट पर डूबने से किशोर हिमांशु कुमार की मौत हो गयी। उत्तर बिहार में डूबने से नौ की मौत, छठ के दौरान डूबने से दो मासूम सहित नौ लोगों की मौत हो गई, एक युवक लापता है। दरभंगा में चार, समस्तीपुर में दो और मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी व मधुबनी में एक-एक की डूबने से मौत हो गई। समस्तीपुर के बिथान में डूबे युवक की तलाश की जा रही है। 


उधर, आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार छठ के दौरान राज्य के विभिन्न नदियों, तालाब व पोखरों में डूबने से 13 लोगों की मौत हो गई। आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार 19 व 20 नवम्बर के दौरान ये हादसे हुए। 19 नवम्बर को बेगूसराय के बरौनी में केशावे पोखर, मुंगेर के तारापुर में कमरगामा पोखर और दरभंगा के जालेनगर पोखर में डूबने से एक-एक की मौत हो गई।