DELHI : गणतंत्र दिवस के मौके पर 26 जनवरी को दिल्ली के जनपथ पर होने वाले परेड में बिहार की झांकी नहीं दिखेगी. बिहार सरकार इस समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जल-जीवन-हरियाली अभियान की झांकी को शामिल करने का प्रस्ताव लेकर गयी थी. लेकिन उसे रिजेक्ट कर दिया गया है. ये लगातार दूसरा साल होगा जब बिहार की झांकी गणतंत्र दिवस परेड में नहीं दिखेगी.
केंद्र सरकार ने खारिज किया बिहार का प्रस्ताव
दिल्ली स्थित बिहार सूचना केंद्र के एक अधिकारी के मुताबिक बिहार सरकार ने अभी जल-जीवन-हरियाली मुहिम में पूरी ताकत झोंक रखी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूरी दुनिया को पर्यावरण की रक्षा का संदेश देना चाह रहे हैं. लिहाजा बिहार सरकार ने इसी थीम पर अपनी झांकी को गणतंत्र दिवस के परेड में शामिल कराने का प्रस्ताव दिया था. बिहार सरकार के अधिकारी के मुताबिक ये प्रस्ताव सितंबर महीने में ही रक्षा मंत्रालय में जमा किया गया था. रक्षा मंत्रालय ही गणतंत्र दिवस परेड का नोडल मंत्रालय है. लेकिन मंत्रालय की ओर से सूचित किया गया है कि बिहार सरकार का प्रस्ताव रिपब्लिक डे परेड के लिए पहले से तय क्राइटेरिया को पूरा नहीं करता है. परेड में किस तरह की झांकी शामिल हो सकती है, इसके पहले से ही नियम तय हैं. बिहार सरकार का प्रस्ताव उन नियमों के मुताबिक नहीं था, लिहाजा उसे खारिज कर दिया गया है.
क्या है क्राइटेरिया
सरकारी सूत्रों के मुताबिक गणतंत्र दिवस परेड में झांकियों की मंजूरी के लिए रक्षा मंत्रालय ने सेलेक्शन कमेटी बना रखी है. सभी राज्यों का प्रस्ताव इसी कमेटी के पास भेजा जाता है, जिसकी तीन स्तरों पर पड़ताल की जाती है. राष्ट्रीय एकता, अंतर्राष्ट्रीय स्तर की ब्रांडिंग और मनोहारी दृश्यों वाली झांकियों को ज्यादा महत्व दिया जाता है.
बिहार सरकार के अधिकारियों के मुताबिक रक्षा मंत्रालय की कमेटी ने पर्यावरण के लिए बिहार सरकार की पहल की सराहना की लेकिन फिर भी झांकी के प्रस्ताव को रिजेक्ट कर दिया. ये दुखद है. हम आपको बता दें कि 2019 के भी गणतंत्र दिवस परेड में बिहार सरकार की झांकी को नहीं शामिल किया गया था.