PATNA : बिहार में बड़े पैमाने पर हुए गर्भाशय घोटाले की जांच अब सीबीआई करेगी। मामले की सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने जांच के लिए सीबीआई को हरी झंडी दे दी है। बता दें कि 7 साल बीत जाने के बाद भी बिहार सरकार के स्तर से महज 41 फीसदी जांच ही की जा सकी है। वेन्ट्रन्स फोरम की मांग वाली याचिका पर हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए मामले की जांच सीबीआई से कराने का फैसला सुनाया है।
सरकार की तरफ से एडवोकेट जनरल ललित किशोर ने कोर्ट से पूरे मामले को समझने के लिए एक हफ्ते का समय मांगा है। इस मामले में 18 अगस्त को फाइनल फैसला दिया जाएगा। बता दें कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत बड़े पैमाने पर गर्भाशय निकाले जाने का मामला सामने आया था। बिहार के 45 अस्पतालों और 13 डॉक्टरों ने 46,690 महिलाओं के गर्भाशय निकाले थे। जिसमें यह बात सामने आई थी की इसमें 85 पुरुषों के गर्भाशय भी निकाले गए।
यह बड़ा घोटाला सामने आने के बाद बिहार सरकार के स्तर से जांच कराई जा रही थी। सात साल बाद भी सिर्फ 41 फीसदी ही जांच की जा सकी थी। जिसके बाद वेन्ट्रन्स फोरम के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. बीएनपी सिंह की तरफ से साल 2015 में पटना हाईकोर्ट में CBI जांच की मांग की गई। 7 साल बाद कोर्ट में सुनवाई शुरु हुई और यह फैसला आया है। वेन्ट्रन्स फोरम की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि अभी तक 41% ही जांच पूरी हो सकी है, जिसके बाद कोर्ट ने जांच के लिए CBI को हरी झंडी दे दी।