PATNA: बिहार विधानसभा में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट को आज सदन के पटल पर रखा गया। सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों की CAG रिपोर्ट में वित्तीय गड़बड़ी का मामला सामने आया है। बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड ने कई स्तर पर गड़बड़ी की है। गलत फैसलों के कारण पटना के लोहिया पथ चक्र में सरकार को नुकसान हुआ है।
CAG की रिपोर्ट में लोहिया पथ चक्र परियोजना में भी भारी गड़बड़ी का खुलासा किया गया है। रिपोर्ट में बताया गया कि लोहिया पथ चक्र परियोजना के लिए कंपनी के द्वारा 16.90 करोड़ जिसमें डिजाइन के लिए 6.04 करोड़ और पर्यवेक्षण सलाहकार के लिए 10.86 करोड़, परियोजना निधि पर गलत तरीके से किया गया। उस पर 1.52 करोड़ सेंटेंस के रूप में दर्ज किया गया। जिसके फलस्वरूप राजकोष पर 18.42 करोड़ का भार पड़ा।
पुल निर्माण निगम द्वारा बिहार में बन रहे फ्लाईओवरों का विश्लेषण CAG की रिपोर्ट में किया गया है। सीएजी की इस रिपोर्ट में यह बताया गया है कि कंपनी के द्वारा नियमावली के प्रावधानों का उल्लंघन किया गया है। तकनीकी स्वीकृति से पहले ही संवेदक को 66.25 करोड़ का भुगतान कर दिया गया।
कंपनी द्वारा बिहार वित्त नियमावली के प्रावधान का उल्लंघन कर अनुबंध किए बिना मेसर्स फाउंडेशन फ़ॉर इन्नोवेशन एंड टेक्नोलॉजी ट्रांसफर, आईआईटी दिल्ली को 4.08 करोड़ का भुगतान किया गया। एकल स्रोत से चयन हेतु पूर्ण औचित्य दर्ज किए बिना जो कि नियमावली के अंतर्गत आवश्यक था। नामांकन के आधार पर मेसर्स प्लानिंग इनोवेशन एवं कंसलटेंसी सर्विसेज को नियुक्त किया।
लोहिया पथ चक्र परियोजना में कंपनी द्वारा 16.90 करोड़ परियोजना निधि पर गलत तरीके से भारित किया गया तथा उस पर 1.52 करोड़ सेंटेज के रूप में दर्ज किया गया जिसके फलस्वरुप राजकोष पर 19.42 करोड़ का भार पड़ा। 31 मार्च 2019 को समाप्त हुए वर्ष के लिए सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों की CAG रिपोर्ट में गंभीर वित्तीय गड़बड़ी की पोल खुली है।