DELHI : बीते साल संशोधित नागरिकता कानून यानी सीएए लागू होने के बाद इसे लेकर देशभर में बड़ा आंदोलन खड़ा हुआ। कोरोना महामारी फैलने तक यह आंदोलन चलता रहा लेकिन बाद में कोरोना ने जैसे ही देश को अपनी चपेट में लिया वैसे ही इस आंदोलन की हवा निकल गई। इस कानून को लागू करने वाली केंद्र सरकार सीएए को भूल ही नहीं है। सीएए को संचालित करने के लिए केंद्र सरकार नियम तैयार करने में जुटी हुई है।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने आज लोकसभा में इसकी जानकारी दी है। नित्यानंद राय ने कहा है कि सीएए को संचालित करने के लिए नियम तैयार करने का काम जारी है। दरअसल सीएए को लेकर सरकार से एक सवाल किया गया था जिसके लिखित जवाब में उन्होंने लोकसभा के अंदर यह जानकारी दी कि सीएए को 12 दिसंबर 2019 को नोटिफाई किया गया था और 20 जनवरी 2020 से अमल में आया।
नित्यानंद राय ने सरकार की तरफ से जो जवाब सदन में दिया है उसके मुताबिक संशोधित नागरिकता कानून 2019 के तहत नियमों को तैयार किया जा रहा है। लोकसभा और राज्यसभा की संबंधी कमेटी के लिए अवधि भी बढ़ा दी गई है। लोकसभा में इससे जुड़ी कमेटी की अवधि 9 अप्रैल तक बढ़ाई गई है जबकि राज्यसभा के लिए संबंधित कमेटी की अवधि 9 जुलाई कर दी गई है ताकि नियमों को तैयार किया जा सके। भारत सरकार ने नागरिकता कानून में जो संशोधन किया है उसके मुताबिक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आने वाले हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है। इससे जुड़ा बिल दिसंबर 2019 में पास किया गया था। 12 दिसंबर 2019 को राष्ट्रपति ने इस बिल को कानून का रूप दे दिया। सरकार ने जब सीएए से जुड़ा बिल पास कराया उसके बाद देशभर में आंदोलन हुए और इस दौरान हुई हुई हिंसा के दौरान तकरीबन 50 से ज्यादा लोगों की मौत हुई।