PATNA : बिहार विधानमंडल का बजट सत्र जारी है, शुरुआती तीन दिनों की बैठक भी हो चुकी हैं लेकिन सत्ताधारी दल जेडीयू को किसी अप्रत्याशित घटनाक्रम की आशंका सता रही है। यही वजह है कि जनता दल यूनाइटेड के विधायकों को हर हाल में बजट सत्र के दौरान सदन के अंदर उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया है। दरअसल जेडीयू विधानमंडल दल की बैठक बुधवार की देर शाम पटना में बुलाई गई थी। इस बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की। विधानमंडल दल की बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह से लेकर संसदीय बोर्ड अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा तक मौजूद थे। इसके अलावा पार्टी के तमाम मंत्री, विधायक और विधान पार्षद बैठक में उपस्थित रहे।
बिहार सरकार के मंत्री संजय कुमार झा के सरकारी आवास पर बैठक का आयोजन किया गया था। बैठक में बजट सत्र को लेकर जेडीयू ने अपने विधायकों के साथ रणनीति तय की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधायकों और विधान पार्षदों को स्पष्ट तौर पर कहा कि सदन के अंदर हर हाल में मौजूद रहें। बजट सत्र के अंदर कोई लापरवाही ना बरतें। कई बार सत्र लंबा होने की वजह से विधायक और विधान पार्षद उस में कम दिलचस्पी लेने लगते हैं लेकिन इस बार ऐसा करना ठीक नहीं होगा। सूत्रों की माने तो सीएम नीतीश ने स्पष्ट कह दिया कि सदन के अंदर विधायकों की गैरमौजूदगी भारी पड़ सकती है।
सियासी जानकार मानते हैं कि मौजूदा परिस्थितियों एनडीए के अंदर आपसी खींचतान को सतही बना कर रखे हुए हैं। बीजेपी विधायकों और नेताओं की तरफ से जिस तरह विवादित बयान दिया जा रहा है उसको लेकर विपक्ष आक्रामक है और जेडीयू भी बहुत हद तक के सहज नहीं दिखता। उधर विधानसभा के अंदर स्पीकर से दुर्व्यवहार के मामले पर भी बीजेपी और आरजेडी एक साथ नजर आती है। विधानसभा में स्पीकर की तरफ से कब किस तरह का निर्देश दे दिया जाए इसे लेकर भी जेडीयू के नेता डरे हुए हैं। सदन के अंदर कहीं पार्टी के लिए और सरकार के लिए फजीहत वाली स्थिति ना बन जाए इसलिए लापरवाही नहीं बरतने का निर्देश दिया गया है। महत्वपूर्ण बात यह भी है कि सरकार की तरफ से कई विधेयकों के अलावा अलग-अलग विभागों का बजट भी सदन में पेश किया जाना है और उसके कटौती प्रस्ताव पर भी चर्चा होगी। आर्थिक बिल सरकार के लिए सदन में नाक का सवाल होते हैं ऐसे में जेडीयू कोई ढिलाई नहीं बरतना चाहता।