हुलास पांडेय ने संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा: ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड में नाम जुड़ने पर बोले- मेरे खिलाफ हो रही राजनीतिक साजिश

हुलास पांडेय ने संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा: ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड में नाम जुड़ने पर बोले- मेरे खिलाफ हो रही राजनीतिक साजिश

PATNA: बिहार के चर्चित ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड में सीबीआई ने पिछले दिनों आरा के जिला एवं सत्र न्यायालय में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल किया था। सीबीआई की तरफ से सप्लीमेंट्री चार्जशीट में पूर्व एमएलसी हुलास पांडेय समेत 8 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया है।ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड में नाम जुड़ने के बाद लोजपा (रामविलास) संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष हुलास पांडे ने पार्टी के पद से इस्तीफा दे दिया है और अपनी सफाई पेश की है।


अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए पूर्व एमएलसी हुलास पांडेय ने CBI के अधिकारियों के ऊपर इस केस से नाम जोड़ने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्या कांड में उनका नाम जोड़ा जा रहा है, उसमें कहीं से कोई सच्चाई नही है। सत्य को परेशान किया जा सकता है पराजित नहीं किया जा सकता है। वारदात के 10 वर्षों के बाद मेरा नाम जोड़ना कहीं न कहीं से चुनावी षड़यंत्र है।


उन्होंने कहा कि जब जब चुनाव आता है तब उनका नाम जोड़कर पार्टी को बदनाम करने की कोशिश की जाती है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक साजिश के तहत उनका नाम इस हत्याकांड से जोड़ा जा रहा है। CBI से मेरा कोई विरोध नही है लेकिन CBI में जरूर कोई अधिकारी हैं जो राजनीतिक विरोधी पार्टी से जुड़े हैं और मुझे बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। हमने संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है ताकि कोई ये नहीं कहे कि आरोप लगने के बाद भी पद पर कैसे बैठा है।


लोजपा नेता ने कहा कि इस केस से मेरा नाम इसमें जोड़ने वालों का नाम नही लेना चाहता हूं। किसी का नाम लेकर उसका कद नहीं बढाना चाहता। ब्रह्मेश्वर मुखिया की हत्या से मेरा क्या फायदा और मेरा कोई मतलब रहा हीं नहीं है। इस हत्याकांड के आरोपी का नाम उजागर करने वाले को 10 लाख का इनाम देने की घोषणा हुई थी। लगता है 10 लाख रुपये की लालच में कोई खड़ा हो गया है। बिहार में बेरोजगारी बहुत है ऐसे में 10 लाख की लालच में मेरा नाम जोड़ा जा रहा। CBI को पूछताछ में 10 साल लग गए और फिर मेरा नाम सामने आया। मेरा नाम जोड़ दिया गया तो ये भी बता दें कि मेरा उद्देश्य क्या था। हत्या के दिन 5, 6 सरकारी अंगरक्षकों के साथ अपने सरकारी आवास पर था।