1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 19 Mar 2024 06:38:08 PM IST
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PATNA: बीपीएससी टीआरई 3 पेपर लीक मामले में बड़ी खबर पटना से आ रही है। आर्थिक अपराध इकाई यानि EOU तेजी से जांच कर रही है। इस दौरान ईओयू बीपीएससी से लेकर प्रिंटिंग प्रेस तक पहुंच चुकी है। अब तक कार्रवाई के आधार पर ईओयू ने 48 पेज का FIR दर्ज किया है। एफआईआर की कॉपी अब सामने आई है।
एफआईआर में मुख्य आरोपी विशाल कुमार चौरासिया और विशाल कुमार को बनाया गया है। इनके अलावे 276 लोगों को भी नामजद अभियुक्त बनाया गया है। साथ ही अन्य अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। EOU ने IPC की धारा 420, 467, 468, 471, 120 B सेक्शन 3 और 10 के अलावा बिहार परीक्षा अधिनियम 1981 के तहत एफआईआर दर्ज किया है ।
उधर शिक्षक भर्ती परीक्षा पेपरलीक में बीपीएससी को दिया गया 24 घंटे का अल्टीमेटम भी पूरा हो गया है। उसके बाद भी आयोग के द्वारा अब तक दोनों शिफ्ट की परीक्षा को रद्द नहीं किया गया। इसे लेकर छात्र नेता ने 21 मार्च को आंदोलन करने की घोषणा कर दी है। छात्र नेताओं का कहना है कि 21 मार्च को हम लोग 11 बजे बीपीएससी ऑफिस के बाहर आंदोलन करेंगे। क्योंकि बीपीएससी अब मनमानी कर रही है। अभ्यर्थियों के साथ इंसाफ नहीं कर रही है।
छात्र नेता दिलीप कुमार का कहा है कि पेपर लीक की सूचना यदि आयोग को 5 दिन के बाद भी मिलती है तो उन्हें परीक्षा रद्द कर देना चाहिए। बिहार लोक सेवा आयोग ने अब आर्थिक अपराध इकाई को सीधी चुनौती दे दी है। BPSC को यह डर सताने लगा है कि यदि इस बार जांच बैठी तो BPSC कार्यालय के कई लोग भी फंस सकते हैं।
शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में BPSC और EOU आमने-सामने आ गये हैं। बिहार लोक सेवा आयोग ने आर्थिक अपराध इकाई से कथित पेपर लीक के ठोस सबूत की मांगा है। बीपीएससी ने EOU को रिमाइंडर भी भेजा है। आयोग ने रविवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा था कि 15 मार्च को BPSC की ओर से आयोजित शिक्षक भर्ती परीक्षा (TRE-3) के प्रश्न पत्र के कथित रूप से लीक होने का आरोप लगाया गया है।
16 मार्च को आर्थिक अपराध इकाई और साइबर अपराध प्रभाग ने एक जांच रिपोर्ट सौंपी थी। जिसमें कहा था कि शिक्षक भर्ती परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक हो गया है। EOU की ओर से उपलब्ध कराए गए रिपोर्ट पर आयोग की ओर से समीक्षा की गई। समीक्षा के दौरान 15 मार्च को परीक्षा शुरू होने से पहले प्रश्न पत्र लीक होने के संबंध में साक्ष्य उपलब्ध नहीं है।
