बोधगया पहुंचे अरुणाचल प्रदेश के CM पेमा खांडू, बोले- 2024 में बनने जा रही नरेंद्र मोदी की सरकार

बोधगया पहुंचे अरुणाचल प्रदेश के CM पेमा खांडू, बोले- 2024 में बनने जा रही नरेंद्र मोदी की सरकार

GAYA: अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू मंगलवार को बोधगया पहुंचे। बोधगया पहुंचने के बाद बोधगया के रामपुर गांव के महुआबाद स्थित मोहल्ले में अरुणाचल प्रदेश सरकार द्वारा बनाया गया कल्चर सेंटर सह स्टेट गेस्ट हॉउस का उद्घाटन उन्होंने किया। उद्घाटन के पूर्व बौद्ध लामाओं ने सुत्त पाठ किया। फिर विधिवत कल्चर सेंटर का उद्घाटन किया गया। बता दें कि यह गेस्ट हॉउस बोधगया महाबोधि मंदिर से 2 किमी और एनएच 83 दोमुहान से आधा किमी की दूरी पर स्थित है।


इस दौरान मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने मीडिया से भी बातचीत की। उन्होंने कहा कि देश में हिंसा बढ़ रही है वैसे में बुद्धिज्म विश्व शांति में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। अरुणाचल प्रदेश के कुछ-कुछ क्षेत्रों में चुनाव में पैसों का खेल चल रहा था तभी 2019 में पब्लिक को हीं कहा था कि सिर्फ पैसा देने वाला क्राफ्ट नहीं होता है, बल्कि पैसा लेने वाला भी क्राफ्ट होता है. इस प्रकार से सभी का माइंड सेट करने की जरूरत है. इंडिया गठबंधन की बैठक पर कहा कि जब तक मोदी है, तब तक देश में विकास चल रहा है.


उन्होंने कहा कि 2024 में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने जा रही है. जब चाइनीज उत्तेजित हुआ था, तो उस समय संघर्ष होना चाहिए था उतना नहीं हुआ. 1947 के इतने साल बाद नॉर्थ ईस्ट में कोई विकास नहीं हुआ.अब पीएम मोदी के कार्यकाल में विकास कार्य हो रहा है, यही विकास कार्य अगर 30 साल पहले से होता तो नॉर्थ ईस्ट काफी विकसित हो गया होता. मुख्यमंत्री पेमा खांडू इसी गेस्ट हॉउस में ही रात्री विश्राम करेंगे. इसके बाद 20 दिसम्बर यानी बुधवार को महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र में आयोजित होने वाले इंटरनेशनल संघ फोरम के उद्घाटन समारोह में शिरकत करेंगे.


कल महाबोधि संस्कृती केंद्र का प्रोग्राम

ज्ञात हो की इस समारोह मे अंतरराष्ट्रीय बौद्ध संघ और तिब्बती बौद्ध केंद्र की ओर से आयोजित तीन दिवसीय सम्मेलन में बौद्ध देशों के संघ राजा व बौद्ध विद्वान इकट्ठा होंगे. कार्यक्रम का उद्घाटन तिब्बती आध्यात्मिक धर्मगुरु दलाई लामा उद्घाटन करेंगे. इस अवसर पर बौद्ध देशों के संघ राजा व विद्वानों को संबोधित भी करेंगे. सम्मेलन में जुटे विद्वान बुद्ध की शिक्षाओं पर संवाद करेंगे. इसका उद्देश्य है कि दक्षिण पूर्व, दक्षिण एशियाई देशों की पालि परंपराओं के अभ्यासकर्ताओं एवं संस्कृत परंपरा के अभ्यासकर्ताओं के बीच संवाद और सहयोग विकसित करना है.


इन देशों के लोग रहेंगे मौजूद

कार्यक्रम में भारत, थाईलैंड, म्यांमार, बांग्लादेश, कंबोडिया, लाओस, श्रीलंका, तिब्बत, भूटान, नेपाल, वियतनाम, ताइवान, रूस, मंगोलिया, जापान और कोरिया सहित 35 देशों के 2500 से ज्यादा बौद्ध विद्वान शामिल होंगे. बौद्ध परंपराओं की प्रामाणिकता को कैसे बनाए रखा जाए. चुनौतीपूर्ण समय में बुद्ध की शिक्षाओं को अपनाने की अनुमति कैसे दी जाए. बौद्ध धर्म से अपरिचित क्षेत्रों के लोगों और युवा पीढ़ी के लिए धर्म को अधिक आसानी से सुलभ, प्रासंगिक और सार्थक बनाने की आवश्यकताओं जैसे बिंदुओं पर चर्चा की जाएगी.23 दिसंबर को दलाई लामा महाबोधि मंदिर परिसर में इसका समापन करेंगे.