4 दिन बाद मरीजों को मिली ब्लैक फंगस की दवा, पटना में 15 नए केस मिले.. 2 की मौत

4 दिन बाद मरीजों को मिली ब्लैक फंगस की दवा, पटना में 15 नए केस मिले.. 2 की मौत

PATNA : 4 दिनों तक दर्द भरे इंतजार के बाद आखिरकार ब्लैक फंगस के मरीजों को मंगलवार के दिन दवा मिल पायी। ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए एम्फिटेरेसिन इंजेक्शन की 1700 वायल अस्पतालों को मिल पायी। औषधि विभाग के मुताबिक एम्फिटेरेसिन इंजेक्शन का 1700 वायल मुहैया कराया जा सका। जिसमें सिविल सर्जन कार्यालय समेत 5 सरकारी अस्पतालों को इंजेक्शन का वितरण कर दिया गया है। पटना एम्स को 500 वायल, आईजीआईएमएस को 500 वायल, पीएमसीएच को 100 वायल, भागलपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल को 100 वायल, वर्द्धमान मेडिकल कॉलेज अस्पताल को 100 वायल और सिविल सर्जन कार्यालय को 100 वायल दिया गया है।


ब्लैक फंगस के मरीजों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है। सरकारी अस्पतालों में अबतक कुल 252 ब्लैक फंगस के मरीज भर्ती होकर इलाज करा रहे हैं। मंगलवार को पटना के विभिन्न अस्पतालों में कुल 15 नए मरीज मिले। पटना एम्स में 4 मरीज मिले हैं। एम्स का ब्लैक फंगस वार्ड फुल हो चुका है। यहां ब्लैक फंगस के एक मरीज की मौत हुई है। पीएमसीएच में 4 नये मरीज भर्ती हुए हैं। पीएमसीएच में ब्लैक फंगस के 28 मरीज भर्ती हैं। पटना के आईजीआईएमएस में 2 नए मरीज भर्ती हुए हैं। यहां ब्लैक फंगस के कुल 101 मरीज भर्ती हैं जबकि एनएमसीएच में 5 नये मरीज भर्ती हुए हैं।


एक तरफ अस्पताल में दवा की किल्लत है तो वहीं परिजनों को बाजार में मुंहमांगी कीमत देने के लिए मजबूर होना पड़ रहा हैं।कोरोना से छुटकारा मिला तो ब्लैक फंगस लोगों की आर्थिक कमर तोड़ रहा है। अस्पताल से ऑपरेशन के बाद डिस्चार्ज मरीजों के लिए ओरल टैबलेट पोसाकोनाजोन इतनी महंगी है कि आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तियों के लिए कोर्स को पूरा कर पाना मुश्किल हो रहा है। एक तरफ औषधि विभाग की ओर से कहा जा रहा है कि ओरल टैबलेट बाजार में उपलब्ध नहीं हैं। वहीं मरीजों को डिस्चार्ज करने के बाद डॉक्टर कह रहे हैं कि बाहर से पोसाकोनाजोन टैबलेट लेकर कोर्स पूरा करिए। बाजार में वह टैबलेट मिल भी रहा है तो महंगी कीमत पर।