ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Crime News: बिहार में भूमि विवाद सुलझाने पहुंची पुलिस टीम पर हमला, डायल 112 के जवानों ने भागकर बचाई जान; 18 लोगों पर केस दर्ज बिहार में जीविका योजना से बदली महिलाओं की जिंदगी, 57 हजार करोड़ का मिला ऋण Bihar Politics: ‘नीतीश कुमार का विकास शहरों तक ही सीमित’ चचरी पुल के उद्घाटन के मौके पर बोले मुकेश सहनी Bihar Politics: ‘नीतीश कुमार का विकास शहरों तक ही सीमित’ चचरी पुल के उद्घाटन के मौके पर बोले मुकेश सहनी Kishtwar Cloudburst: किश्तवाड़ में बादल फटने से अबतक 33 की मौत, 100 से अधिक लोग घायल; रेस्क्यू ऑपरेशन जारी Kishtwar Cloudburst: किश्तवाड़ में बादल फटने से अबतक 33 की मौत, 100 से अधिक लोग घायल; रेस्क्यू ऑपरेशन जारी Bihar News: दरभंगा एयरपोर्ट पर यात्रियों का हंगामा, नाइट लैंडिंग नहीं होने से बढ़ी परेशानी Bihar News: दरभंगा एयरपोर्ट पर यात्रियों का हंगामा, नाइट लैंडिंग नहीं होने से बढ़ी परेशानी अपने प्रिय मित्र सतीश कौशिक की याद में Anupam Kher ने शुरू किया यह नेक काम, अब विश्व भर में हो रही सराहना Bihar Politics: तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग को बताया BJP की B टीम, दो वोटर आईडी को लेकर खूब बरसे

BJP विधायक के विवादित बोल,मजहब सिखाता है जो तुम्हारी बात न माने उसे काट दो...

1st Bihar Published by: Updated Mon, 30 Nov 2020 01:29:59 PM IST

BJP विधायक के विवादित बोल,मजहब सिखाता है जो तुम्हारी बात न माने उसे काट दो...

- फ़ोटो

DARBHANGA :मधुबनी के बिस्फी से बीजीपे के विधायक हरिभूषण ठाकुर ने विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना दुनिया का सबसे बड़ा झूठ है. उन्होंने इशारों ही इशारों में कहा कि एक संप्रदाय के लोगों के लिए वे खूब काम करते हैं, खून देते हैं पर वह उन्हें वोट नहीं करता क्योंकि वह बीजीपी से आते हैं. 

विधायक हरिभूषण ठाकुर दरभंगा में आयोजित तीन दिवसीय विद्यापति पर्व समारोह के दूसरे दिन कार्यक्रम का उद्घाटन करने पहुंचे थे जहां उन्होंने मंच से जनता को संबोधित भी किया. 

इसी दौरान हरिभूषण ठाकुर ने कहा कि'मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना दुनिया में सबसे बड़ा झूठ है, मजहब खूब सिखाता है आपस में बैर करना, मजहब सिखाता है कि कोई आपकी बात नहीं मानता है तो काट दो, रेप कर दो. लेकिन हमारी संस्कृति सिखाती है कि पत्थर में भी भगवान हैं, हर चीज में देवता हैं. पांच सौ साल पहले तुलसीदास ने लिखा कि जड़-चेतन सबमें भगवान हैं. हम राम-कृष्ण, गीता, आदि शंकराचार्य और विद्यापति को मानने वाले लोग हैं लेकिन जब इनकी चर्चा करते हैं तो लोगों को लगता है कि ये हमारे मज़हब के दुश्मन हैं. हो सकता है कि 47 के पहले, 69-71 से पहले बांग्लादेश में भी विद्यापति पर्व मनाया जाता हो, होली-दिवाली, रामायण, गीता कश्मीर में भी हुआ करते थे लेकिन अब कहां हैं. हो सकता है कि सौ-दो सौ साल में दरभंगा से भी चले जाएं इसलिए सभी लोग संकल्प लें कि मर जाएंगे, कट जाएंगे लेकिन अपनी संस्कृति को नहीं छोड़ेंगे.'