बीजेपी-नीतीश के बिगड़े रिश्ते के लिए क्या शाहनवाज हुसैन जिम्मेवार: उद्योग मंत्री से जेडीयू में भारी नाराजगी

बीजेपी-नीतीश के बिगड़े रिश्ते के लिए क्या शाहनवाज हुसैन जिम्मेवार: उद्योग मंत्री से जेडीयू में भारी नाराजगी

PATNA: क्या बिहार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन की अति महत्वाकांक्षा ने बीजेपी और जेडीयू के रिश्ते में बडा दरार पैदा कर दिया है. जेडीयू के कई नेता तो ऐसा ही कह रहे हैं. जेडीयू सूत्र बता रहे हैं कि शाहनवाज हुसैन के कारण नीतीश कुमार भारी नाराज हैं. अगर आने वाले दिनों में नीतीश कुमार कोई अलग राह पकडते हैं तो उसमें शाहनवाज हुसैन की भी भूमिका होगी।


बिहार इंवेस्टर्स मीट से नीतीश नाराज?

JDU के नेता ने इसी महीने दिल्ली के एक पांच सितारा होटल में हुए बिहार इंवेस्टर्स मीट पर गंभीर सवाल खड़े किये. उन्होंने कहा कि शाहनवाज हुसैन ने सिर्फ अपनी ब्रांडिंग कराने के लिए सरकारी पैसा पानी की तरह बहाया. जेडीयू नेता ने पूछा-क्या किसी राज्य में निवेश करने वालों का सम्मेलन दूसरे राज्य में होगा. अगर कोई उद्योगपति बिहार में निवेश करना चाहेगा तो वह पहले बिहार आयेगा. यहां का माहौल सुविधा देखेगा और तब जाकर निवेश करने पर विचार करेगा. दिल्ली के पांच सितारा होटल में बैठकर बिहार में निवेश की बात कैसे की जा सकती है. नाराज जेडीयू नेता ने कहा कि बिहार इंवेस्टर्स मीट के नाम पर जो तमाशा हुआ उसका सिर्फ एक ही मकसद था-उद्योग मंत्री की अपनी ब्रांडिंग करना।


नीतीश की एक तस्वीर तक नहीं लगी

जेडीयू में सबसे ज्यादा नाराजगी इस बात को लेकर है कि दिल्ली के पांच सितारा होटल में हुए बिहार इंवेस्टर्स मीट में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की एक तस्वीर तक नहीं लगायी गयी. जेडीयू के एक दूसरे नेता ने कहा कि देश और दुनिया में अगर बिहार की अच्छी छवि बनी है तो नीतीश कुमार के सुशासन के कारण. लेकिन बिहार इंवेस्टर्स मीट में मुख्यमंत्री की ही तस्वीर नहीं लगायी गयी. वहां उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन की बड़ी-बड़ी तस्वीरें लगायी गयी थीं. मानो उन्हीं तस्वीर को देख कर निवेशक बिहार में पैसा लगा देंगे. जेडीयू के नेता ने बताया कि नीतीश कुमार ने बिहार की सत्ता संभालने के बाद बडे उद्योगपतियों को यहां बुलाने की काफी कोशिश की थी. लेकिन जब उन्हें लगा कि यहां छोटे औऱ मध्यम उद्योग ही लग सकते हैं तो नीतीश कुमार ने इंवेस्टर्स मीट जैसे तमाशे पर सरकारी पैसा खर्च नहीं करने का फैसला लिया था।


जेडीयू के नेता ने कहा-आप खुद देख लीजिये. जिस राज्य का इंवेस्टर मीट हुआ उसके मुख्यमंत्री ही उस मीट में मौजूद नहीं थे. नीतीश ने न सिर्फ उस मीट में जाने से इंकार कर दिया बल्कि कभी इसकी कोई चर्चा तक नहीं की. तो क्या निवेशक उद्योग मंत्री को देखकर पैसा लगा देंगे. किसी राज्य में निवेश के लिए निवेशक को कई तरह की सुविधायें जरूरी होती हैं. क्या मुख्यमंत्री को किनारे रख कर किसी निवेशक को बिहार में बुलाया जा सकता है? जेडीयू नेता ने कहा कि बिहार के उद्योग मंत्री ने दावा किया था कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इंवेस्टर्स मीट का उद्घाटन करेंगी लेकिन वे भी उस मीट में नहीं पहुंची।


श्रेय लेने की होड़

जेडीयू कैंप में इस बात की भी भारी नाराजगी है कि उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन नीतीश कुमार के काम का खुद श्रेय लेने की होड़ में लगे हैं. कुछ दिनों पहले सूबे में एक बड़े बेवरेज प्‍लांट का उद्घाटन किया गया. इस प्लांट को लगाने वालों ने शाहनवाज हुसैन के मंत्री बनने से काफी पहले ही उद्योग लगाने की प्रक्रिया शुरू की थी. राज्य सरकार ने उन्हें औद्योगिक क्षेत्र में जमीन देने के साथ साथ सब्सिडी भी मुहैया कराया था. लेकिन मौजूदा उद्योग मंत्री ऐसे श्रेय ले रहे हैं जैसे उनके कारण ही वह यूनिट बिहार में आया. उसी तरह इथेनॉल को लेकर भी बयानबाजी की जा रही है. नीतीश कुमार 2007 से ही केंद्र सरकार से ये मांग कर रहे थे कि बिहार में गन्ना और मक्का से इथेनॉल बनाने की मंजूरी दी जाये. केंद्र सरकार इसकी मंजूरी ही नहीं दे रही थी. पिछले साल जैसे ही केंद्र सरकार ने इसकी मंजूरी दी, नीतीश कुमार की पहल पर बिहार देश में ऐसा पहला राज्य बना जिसने अपनी इथेनॉल पॉलिसी बनायी. नतीजतन इथेनॉल प्लांट लगाने के ढेर सारे प्रस्ताव आये. जेडीयू नेताओं की नाराजगी इस बात पर है कि सारी कोशिश और काम नीतीश कुमार ने किया लेकिन उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन उसका श्रेय खुद लेने में लगे हैं।


बीजेपी-नीतीश में बढ़ी खटास

गौरतलब है कि बीजेपी-नीतीश के बीच रिश्ते बिगड़ने की चर्चा आम है. नीतीश कुमार के एक्शन से ये साफ नजर भी आ रहा है. बीजेपी से नीतीश कुमार के रिश्ते बिगड़ने के पीछे वैसे तो कई कारण है लेकिन शाहनवाज हुसैन के इंवेस्टर्स मीट ने भी इसमें बड़ी भूमिका निभायी है.