PATNA : पटना नगर निगम से लेकर पटना जिला परिषद तक में पिछले कुछ दिनों के अंदर कुर्सी का जबरदस्त खेल देखने को मिला है। पहले पटना नगर निगम में डिप्टी मेयर की कुर्सी गई और उसके बाद में मेयर सीता साहू के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। इस अविश्वास प्रस्ताव में मेयर सीता साहू ने जीत हासिल की। सीता साहू बीजेपी से जुड़ी हुई हैं, वहीं दूसरी तरफ पटना जिला परिषद अध्यक्ष की कुर्सी के लिए सियासी दांवपेच शुरू हुआ तो अध्यक्ष अंजू देवी की कुर्सी चली गई। पंचायती राज विभाग में जिला परिषद की अध्यक्ष अंजू देवी को बर्खास्त कर दिया। उसके बाद जिला परिषद की उपाध्यक्ष ज्योति सोनी इस पद पर काबिज हो गयीं। ज्योति सोनी के पीछे भी बीजेपी का बैकअप बताया जा रहा है।
पटना जिला परिषद उपाध्यक्ष की कुर्सी से अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंचने वाली ज्योति सोनी के पति जीवन कुमार संघ और बीजेपी से जुड़े रहे हैं मौजूदा वक्त में जीवन कुमार संघ की तरफ से संचालित होने वाले हिंदू जागरण मंच के प्रदेश संयोजक है जानकार मानते हैं कि ज्योति सोनी को अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंचाने के लिए उन्होंने लगातार मैनेजमेंट किया अध्यक्ष पद से बर्खास्त की गई अंजू देवी के ऊपर सरकार ने गंभीर आरोप लगाए थे उनके खिलाफ को शो कॉज नोटिस भी जारी किया गया था अंजू देवी पर आरोप लगाया कि उन्होंने विकास की योजनाओं को लेकर सक्रियता नहीं दिखाई जिसकी वजह से जिला परिषद में कई योजनाएं लंबित रह गई आखिरकार पंचायती राज विभाग में उनके खिलाफ एक्शन लेते हुए पद से बर्खास्त कर दिया।
अंजू देवी के अध्यक्ष नहीं रहने की स्थिति में उपाध्यक्ष ज्योति सोनी ने अध्यक्ष का कार्यभार संभाल लिया लेकिन इसे लेकर भी विवाद शुरू हो गया है। अंजू देवी जो विरोधी खेमे का समर्थन रखती हैं उन्होंने उपाध्यक्ष ज्योति सोनी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। बर्खास्त अध्यक्ष अंजू देवी ने आरोप लगाया है कि उपाध्यक्ष ज्योति सोनी ने जबरन उनके चेंबर पर कब्जा कर लिया। पुलिस अंजू देवी की शिकायत पर छानबीन में जुट गई है लेकिन इस पूरे प्रकरण में बीजेपी का पोलिटिकल मैनेजमेंट भारी पड़ता दिख रहा है। एक तरफ तो मेयर की कुर्सी पर बीजेपी पहले से ही काबिज है तो वहीं दूसरी तरफ तो अब जिला परिषद अध्यक्ष की कुर्सी पर बीजेपी का कब्जा हो गया है।