PATNA: भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने दो दिन पहले जदयू के जिस नेता पर सवाल उठाये थे, JDU ने अगले ही दिन उन्हें अपना प्रदेश महासचिव बना कर इनाम दे दिया. जदयू ने गोपालगंज के कई ब्लॉक पर सरकारी भ्रष्टाचार के खिलाफ धरना देने वाले पूर्व विधायक मंजीत सिंह को पार्टी का प्रदेश महासचिव बनाया है.
संजय जायसवाल को जदयू का जवाब
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने दो दिन पहले ही फेसबुक पर पोस्ट लिख कर कहा था कि सूबे में सरकार की हालत ये है कि जदयू के एक पूर्व विधायक अपनी ही सरकार के भ्रष्टचार के खिलाफ धरना दे रहे हैं. अगर यही काम बीजेपी के किसी नेता ने किया होता तो उन पर ये दबाव बनाया जाता कि उस नेता को पार्टी से निकाला जाये. संजय जायसवाल के सवाल के अगले ही दिन यानि कल जदयू ने अपनी प्रदेश कमिटी का एलान किया. मंजीत सिंह को जदयू ने अपना प्रदेश महासचिव बनाय़ा है. सियासी हलके में चर्चा है कि नीतीश ने बीजेपी को बताया है कि वे अपनी सहयोगी पार्टी का कितना नोटिस लेते हैं.
मंजीत सिंह ने कई प्रखंडों में दिया था धरना
बैकुंठपुर से जदयू के पूर्व विधायक मंजीत सिंह ने 5-6 दिन पहले बैकुंठपुर, बरौली जैसे प्रखंड मुख्यालयों में धरना देकर सरकारी योजनाओं में बड़े पैमाने पर लूट खसोट का आरोप लगाया था. जदयू के नेता का आरोप था कि जिले में सरकारी अफसरों ने खुलेआम लूट खसोट मचा रखी है. बिना पैसे का एक भी दाखिल खारिज नहीं हो रहा है. शौचालयों के लिए लोगों को मिलने वाले पैसे में नाजायज वसूली की जा रही है. बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए राज्य सरकार से जो पैसे आ रहे हैं उनका 60 फीसदी वापस भेज दिया जा रहा है. पिछले दो साल कई स्कूलों में पोशाक और साइकिल की राशि का वितरण नहीं हुआ है. इसी साल ओला वृष्टि व तूफान से प्रभावित पंचायतों में फसल क्षतिपूर्ति व आवास अनुदान की राशि अबतक नहीं दी गई. जदयू के पूर्व विधायक के मुताबिक उन्होंने जिलाधिकारी से इन तमाम मामलों की शिकायत की . वहां से कार्रवाई का भरोसा मिला लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गयी.
नीतीश की पोल खोलने वाले को जदयू का इनाम
जदयू के पूर्व विधायक मंजीत सिंह ने धरना देकर जिन मामलों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया उन तमाम मामलों में नीतीश कुमार अपनी पीठ खुद थपथपाते रहे हैं. नीतीश कुमार बार-बार ये कहते रहे हैं कि ऑनलाइन आवेदन और लोक शिकायत निवारण कानून की व्यवस्था कर उन्होंने भ्रष्टाचार रोक दिया है. लेकिन उनके ही पार्टी के नेता प्रखंड मुख्यालयों पर धरना देकर भारी लूट खसोट का आरोप लगा रहे हैं. नीतीश बाढ राहत के काम की मॉनिटरिंग खुद करने का एलान करते रहे हैं लेकिन उनके ही नेता धरना देकर बता रहे हैं कि उस पैसे में लूट हो रही है. जाहिर है मंजीत सिंह ने सरकार की ही पोल खोली. लेकिन जदयू ने उन्हें प्रदेश महासचिव बनाकर इनाम दिया. ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि क्या बीजेपी को जबाव देने के लिए JDU ने मंजीत सिंह को पुरस्कृत किया.