PATNA: असम के तेजपुर से भाजपा सांसद रह चुके राम प्रसाद शर्मा अब जदयू का दामन थामने जा रहे हैं. राम प्रसाद शर्मा को जदयू में शामिल कराने की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. सिर्फ औपचारिकतायें बाकी हैं. ये वही राम प्रसाद शर्मा हैं जिन पर अपनी बेटी को गलत तरीके से असम पुलिस में डीएसपी की नौकरी दिलाने का आरोप लगा था. इसके बाद उन्हें बीजेपी ने नकार दिया था.
जदयू नेताओं से शर्मा की डील फाइनल
जानकार सूत्रों की मानें तो राम प्रसाद शर्मा ने जदयू के नेताओं से बात कर पार्टी में शामिल होने की डील फाइनल कर ली है. शनिवार को वे दिल्ली में जदयू के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्वोत्तर राज्यों के प्रभारी अफाक अहमद से मिले, जहां सब कुछ फाइनल हो गया. जदयू महासचिव अफाक अहमद ने मीडिया से बात करते हुए स्वीकारा कि राम प्रसाद शर्मा ने उनसे मुलाकात की है. उन्होंने कहा कि शर्मा के जदयू में शामिल होने पर सकारात्मक बातचीत हो रही है. हालांकि आखिरी फैसला पार्टी अध्यक्ष नीतीश कुमार लेंगे. राम प्रसाद शर्मा ने इससे पहले जदयू के दूसरे नेताओं से भी मुलाकात की थी. जल्द ही वे नीतीश कुमार से मिलेंगे जहां उन्हें पार्टी में शामिल कराने की रस्म अदायगी की जायेगी.
कौन हैं राम प्रसाद शर्मा
राम प्रसाद शर्मा असम के गोरखा नेता हैं. 2014 में वे भाजपा के टिकट पर तेजपुर से सांसद चुने गये थे. लेकिन उनके बुरे दिन 2018 में शुरू हो गये जब उनकी बेटी पल्लवी शर्मा को अवैध तरीके से असम पुलिस में डीएसपी पद पर बहाल करने का मामला सामने आया. इस मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर पल्लवी शर्मा को जेल भेज दिया. पल्लवी फिलहाल जमानत पर जेल से बाहर हैं. नियुक्ति घोटाले में राम प्रसाद शर्मा का नाम आने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें किनारे कर दिया. 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने उनसे पल्ला झाड़ते हुए टिकट काट दिया. नाराज राम प्रसाद शर्मा ने भारतीय जनता पार्टी से इस्तीफा दे दिया. फिलहाल वे असम गोरखा सम्मेलन नाम का संगठन चला रहे हैं. शर्मा ने अपनी नयी सियासी पारी जदयू के साथ शुरू करने की तैयारी कर ली है.