DHARBHANGA: जनता दल यूनाइटेड कि परेशानी सिर्फ उपेंद्र कुशवाहा तक ही सिमट कर नहीं रहने वाली है। बल्कि, इनके लिए सबसे बड़ी परेशानी भाजपा बनने वाली है। दरअसल, भाजपा लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारियां शुरू कर दी है। इसको लेकर अभी फार्मूला तय किया जा रहा है। बिहार में भाजपा का एकमात्र प्रयास जदयू को दिल्ली की राजनीति में पैदल करने का है।
दरअसल, भाजपा लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर मंडल और बूथ स्तर तक संगठन को मजबूत करने की कवायद में जुटी हुई है। इस बीच चुनाव तैयारी, नए पदाधिकारियों की नियुक्ति सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा करने के लिए बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति की दो दिवसीय बैठक आज से दरभंगा के लहरियासराय में शुरू होने वाली है। इसमें संगठनात्मक मसलों के अलावा राज्य की मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों पर भी मंथन होगा। भाजपा की यह बैठक साल में 4 बार आयोजित होती है।
मालूम हो कि, 1980 में भाजपा के स्थापना के बाद दरभंगा में पहली बार ऐसी बैठक होने जा रही है। बैठक से पहले वहां प्रस्तावित एम्स के निर्माण स्थल के संदर्भ में आंदोलन कर पार्टी जनता को अपने पक्ष में करने का प्रयास कर चुकी है। इसी को लेकर पार्टी 28 और 29 जनवरी को दरभंगा में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर संजय जयसवाल की अध्यक्षता में बैठक करने वाली है।
जानकारी के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी इन दो दिवसीय बैठक में संगठनात्मक गतिविधियों को गांव-गांव तक पहुंचाने की कार्ययोजना तय करेगी। भाजपा नेतृत्व की ओर से प्रदेश कार्यसमिति के लिए राजनीतिक प्रस्ताव की जिम्मेवारी विधानमंडल दल के नेता विजय सिन्हा के नेतृत्व में प्रदेश उपाध्यक्ष मिथिलेश तिवारी को सौंपी गई है। वहीं, कार्यसमिति के समापन का प्रस्ताव बनाने की जिम्मेदारी विधान परिषद के प्रतिपक्ष के नेता सम्राट चौधरी और प्रदेश उपाध्यक्ष नीतीश मिश्र को दी गई है।
आपको बताते चलें कि, भाजपा के बतौर बिहार प्रभारी विनोद तावड़े के पार्टी की कमान संभालने के बाद यह पहली बैठक है। ऐसे में पार्टी नेताओं और प्रदेश प्रभारियों को संगठन की नई सूरत और सीरत के साथ आगामी कार्य योजनाओं की झलक देखने को मिल सकती है। भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक दोपहर 2:00 बजे से शुरू होगी।