DESK: दिवाली के जश्न के बीच देश की सियासत से एक दुखद खबर सामने आ रही है। बीजेपी के सबसे पुराने कार्यकर्ता भुलई भाई का निधन हो गया है। 111 साल की उम्र में उन्होंने कप्तानगंज में आखिरी सांस ली। सोमवार को तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
दरअसल, कोविड काल में भुलई भाई चर्चा में आए थे। उस वक्त पीएम मोदी ने श्री नारायण उर्फ भुलई भाई से फोन पर बात की थी और उनका हालचाल लिया था। 111 साल के भुलई भाई जनसंघ के टिकट पर दो बार विधायक रह चुके थे। पंडित दीनदयाल उपाध्याय से प्रेरित होकर वह राजनीति में आए थे और कुशीनगर की नौरंगिया सीट से दो बार एमएलए चुने गए थे।
जनसंघ के वक्त से कार्यकर्ता रहे भुलई भाई बीजेपी का गठन होने के बाद उसके कार्यकर्ता बन गए थे। साल 2022 में योगी आदित्यनाथ दोबारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे, तब भुलई भाई शपथ ग्रहण समारोह में खास मेहमान बनकर लखनऊ पहुंचे थे। खुद अमित शाह ने मंच से नीचे उतर कर भुलई भाई को सम्मानित किया था।
जिस वक्त भारतीय जनसंघ की स्थापना हुई थी उस समय भुलई भाई एमए के स्टूडेंट थे। एमए के बाद उन्होंने एमएड किया और उसके बाद शिक्षा विभाग में अधिकारी बन गए। इसी बीच पंडित दीनदयाल उपाध्याय से प्रभावित होकर उन्होंने नौकरी छोड़ दी और राजनीति में आ गए और जनसंघ ने उन्हें उम्मीदवार बनाया और वे विधायक बन गए। केसरिया गमछा उनकी पहचान हुआ करती थी।