बीजेपी के खिलाफ विद्रोह का साहस नहीं जुटा पाये नीतीश: ओमप्रकाश चौटाला की रैली में जाने से इंकार, तीसरे मोर्चे के लिए होनी थी रैली

बीजेपी के खिलाफ विद्रोह का साहस नहीं जुटा पाये नीतीश: ओमप्रकाश चौटाला की रैली में जाने से इंकार, तीसरे मोर्चे के लिए होनी थी रैली

PATNA : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हरियाणा के जींद में होने वाली ओमप्रकाश चौटाला की रैली में जाने से इंकार कर दिया है. पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल की जयंती पर आय़ोजित हो रही इस रैली में देश में तीसरा मोर्चा बनाने के गठन का एलान किया जाने वाला है. नीतीश ओमप्रकाश चौटाला से मिल आये थे, रैली का न्योता स्वीकार कर लिया था. लेकिन शायद अंदाजा हुआ कि रैली में गये तो फिर बीजेपी से इतनी दूरी बनेगी कि उसे पाटना मुश्किल हो जायेगा. 


जींद की रैली में शामिल नहीं होंगे नीतीश
नीतीश कुमार की ओर से आज उनकी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने मीडिया को जानकारी दी. ललन सिंह ने कहा- नीतीश जी के चौधरी देवीलाल जी से काफी अच्छे संबंध रहे थे. ओमप्रकाश चौटाला से भी नीतीश जी का बहुत मधुर रिश्ता रहा है. चौटाला जी ने नीतीश जी को चौधरी देवीलाल जी की जयंती पर हरिय़ाणा के जींद में होने वाली रैली में शामिल होने का न्योता दिया था. नीतीश जी ने न्योता स्वीकार किया था लेकिन वे रैली में नहीं जा सकेंगे.


ललन सिंह ने कहा कि नीतीश जी बिहार में कोरोना की संभावित तीसरी लहरी की तैयारी में लगे हैं. इस बीच बच्चों में वायरल बुखार फैल गया है. तीसरा बिहार में बाढ़ भी है. इसलिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तय किया है कि वे फिलहाल बिहार से बाहर नहीं जायेंगे. बहुत अर्जेंट हुआ तो दिल्ली जा सकते हैं लेकिन उसके अलावा कहीं नहीं जायेंगे. 


क्यों पलटी मार गये नीतीश
पहले हम आपको बता दें कि जींद की रैली है क्या. हरियाणा के जींद में वहां के पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला 25 सितंबर को रैली करने वाले हैं. 25 सितंबर को चौटाला के पिता चौधरी देवीलाल की जयंती है. उसी मौके पर ये रैली होनी है. ओमप्रकाश चौटाला ने ये एलान कर दिया है कि इस रैली के सहारे वे देश में तीसरा मोर्चा बनायेंगे. चौटाला कह रहे हैं कि देश की जनता बीजेपी और कांग्रेस दोनों से उब चकी है. इसलिए देश में तीसरा मोर्चा बनना चाहिये. 


इंडियन नेशनल लोकदल नामक पार्टी चला रहे ओमप्रकाश चौटाला ने कहा है कि वे इसी रैली में देश में तीसरे मोर्चे के गठन का एलान करेंगे. चूंकि तीसरा मोर्चा बनना है इसलिए बीजेपी और कांग्रेस से अलावा जितनी पार्टियां हैं उनके नेताओं को रैली में बुलाया गया है. चौटाला ने बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार, पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा, एनसीपी के नेता शरद पवार और पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल जैसे नेताओं को इस रैली में शामिल होने का न्योता दिया है. 


नीतीश के लिए लालू फैमिली को चौटाला ने इग्नोर किया
दिलचस्प बात ये है कि जींद की रैली में नीतीश कुमार को शामिल कराने के लिए ओमप्रकाश चौटाला ने बिहार की लालू फैमिली को इग्नोर कर दिया. लालू यादव या तेजस्वी यादव को इस रैली में शामिल होने का न्योता ही नहीं दिया गया. चौटाला को उम्मीद थी कि नीतीश उनकी रैली में जरूर शामिल होंगे. हाल में ही नीतीश कुमार दिल्ली में थे औऱ उन्होंने वहां चौटाला के घर जाकर मुलाकात की थी. चौटाला कह रहे हैं कि नीतीश ने उस दिन रैली में शामिल होने की सहमति दे दी थी. 


क्यों पलटी मार गये नीतीश
हालांकि पिछले कुछ महीने से नीतीश लगातार वो सारे काम कर रहे हैं जिससे बीजेपी मुसीबत में फंसे. चाहे वह जातिगत जनगणना का मामला हो या फोन टैपिंग का मुद्दा. नीतीश ने बीजेपी के विरोध में स्टैंड लिया है. लेकिन इसके साथ ही नीतीश ये भी जानते हैं कि बीजेपी चाह ले तो वे एक दिन भी  मुख्यमंत्री नहीं रह पायेंगे. बीजेपी नीतीश की सारी चालों को समझते हुए उन्हें बर्दाश्त कर रही है. लेकिन अगर बीजेपी के खिलाफ होने वाली जींद की रैली में नीतीश शामिल होते तो उनके खिलाफ एक्शन लेना बीजेपी की मजबूरी बन जाती. नीतीश उसी दिन से डर रहे हैं. सियासी जानकार ये मानते हैं कि सत्ता नीतीश कुमार की सबसे बडी कमजोरी रही है.


फिर भी उम्मीदों को जिंदा रखेंगे नीतीश
इस बीच नीतीश की पार्टी अपनी बैठक में नीतीश कुमार को पीएम मैटेरियल बनाने का प्रस्ताव पास कर चुकी है. नीतीश कुमार जानते हैं कि जींद की रैली में उनके पीएम मैटेरियल वाले ख्वाब को थोडी जमीन मिल सकती है. ऐसे में उन्होंने दूसरा रास्ता निकाला है. नीतीश खुद तो रैली से दूर रहेंगे लेकिन अपनी पार्टी के प्रधान महासचिव केसी त्यागी को उस रैली में अपना प्रतिनिधि बनाकर भेजेंगे. जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने भी पुष्टि की है कि केसी त्यागी नीतीश के प्रतिनिधि बनकर ओमप्रकाश चौटाला की रैली में जायेंगे.