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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 25 Dec 2023 07:50:57 AM IST
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PATNA : बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी देकर डीएमके सांसद दयानिधि मारन की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही है। अब डीएमके नेता कानूनी शिकंजे में फंसते नजर आ रहे हैं। उनके बयान को लेकर लीगल नोटस भेजा गया है। बिहार प्रदेश कांग्रेस के पॉलिटिकल अफेयर कमिटी के सदस्य डॉ चंद्रिका प्रसाद यादव ने उन्हें लीगल नोटिस भेजा है।
वहीं, डीएमके सांसद ने कहा था कि हिंदी पढ़ने वाले बिहार उत्तर प्रदेश के लोग तमिलनाडु में टॉयलेट और सड़क साफ करते हैं तो अंग्रेजी पढ़ने वाले आईटी कंपनियों में अच्छे पैकेज पर नौकरी करते हैं। मारन का यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रहा है। बिहार यूपी के हिंदी भाषी लोगों के लिए अपमानजनक बातें कहने वाले इंडिया गठबंधन में शामिल पार्टी डीएमके के सांसद दयानिधि मारन चौतरफा घिर गए हैं।
ऐसे में डीएमके के सांसद के इस बात पर विपक्षी भाजपा तो उनपर हमलावर तो है ही, अब जदयू, आरजेडी और कांग्रेस पार्टी ने भी उनकी आलोचना शुरू कर दिया है।इस बीच कांग्रेस पार्टी ने तो उन्हें लीगल नोटिस भेज दिया है। पार्टी की बिहार प्रदेश पॉलिटिकल अफेयर कमेटी ने उन्हें वकालतन नोटिस भेजकर माफी मांगने के लिए कहा है। कमेटी सदस्य डॉ चंद्रिका प्रसाद यादव ने दयानिधि मारन से कहा है कि वह 15 दिनों के भीतर बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों से माफी नहीं मांगे, नहीं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया की जाएगी। दयानिधि मारन सही जवाब नहीं देते हैं तो बिहार में उनपर मुकदमा दर्ज कराया जा सकता है।
उधर, बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि मारन का बयान निंदनीय है। पूरा देश एक है। उनकी पार्टी डीएमके सोशल जस्टिस की पार्टी है। बिहार और यूपी के लोग सभी राज्यों की जरूरत हैं। अगर नहीं जाएं को उनका भट्टा बैठ जाएगा। किसी को भी ऐसी बात नहीं बोलना चाहिए। जदयू के मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा है कि कोई जिम्मेवार नेता ऐसा बयान दे ही नहीं सकता। डीएमके सांसद ने हिंदी भाषी और बिहार यूपी के लोगों के लिए जो कहा है वह अपमानजनक है। पार्टी के प्रवक्ता अभिषेक झा ने मारन के बयान की आलोचना की है।
उधर, बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने डीएमके को इंडिया गठबंधन से निकाल देने की मांग की है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सुशील मोदी ने अपना बयान जारी किया है। कहा कै कि द्रमुक सनातन धर्म, राष्ट्रभाषा हिंदी और बिहारियों के खिलाफ काम कर रही है। यह तेलंगाना में कांग्रेस की जीत का असर है कि उत्तर भारतीयों के विरुद्ध राजनीति की जा रही है। लालू और नीतीश को डीएमके को तुरंत इंडी से बाहर कर देना चाहिए