DELHI : रोजगार की तलाश में दिल्ली गये बिहारी देश की राजधानी के सबसे बड़े वोट बैंक बन गये हैं. अब हाल ये है कि 8 फरवरी को होने जा रहे दिल्ली विधानसभा के चुनाव में बिहारी वोटर ये तय करेंगे कि राज कौन करेगा.
दो दर्जन सीटों पर बिहारी वोटर निर्णायक
दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टियों द्वारा कराये गये सर्वे के मुताबिक कुल 1 करोड़ 46 लाख वोटरों में से 20 प्रतिशत से ज्यादा वोटर बिहारी है. आप और भाजपा से लेकर कांग्रेस जैसी पार्टियों ने जो सर्वे कराया है उसके मुताबिक दिल्ली विधानसभा की दो दर्जन से ज्यादा सीटें ऐसी हैं जहां बिहारी वोटर निर्णायक होंगे. लिहाजा सभी पार्टियों की नजर इसी वोट बैंक पर है. वैसे उन्हें सीधे बिहारी वोटर के बजाय पूर्वांचली वोटर कहा जा रहा है.
जिसके पाले में गये बिहारी वही चुनाव जीता
पिछले चुनाव के रिकार्ड बताते हैं कि बिहारी वोट जिसके भी पाले में गये वो चुनाव जीत गया. 2015 के विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल के चुनावी वादों ने बिहारी वोटरो को लुभाया था. उनका एकमुश्त वोट आप को मिला था. 2013 में भी बिहारी वोटों का बड़ा हिस्सा आप पार्टी की झोली में गया था. इससे पहले बिहारी वोटर कांग्रेस के वोट बैंक माने जाते थे.
हर पार्टी बिहारियों को लुभाने में लगी
बिहारी वोटरों की अहमियत समझ रही सभी पार्टियां उन्हें लुभाने में काफी पहले से जुटी है. आम आदमी पार्टी ने पिछले साल अक्टूबर में अपन पूर्वांचल अभियान चलाया था. इसके तहत बिहार के साथ साथ पूर्वी उत्तर प्रदेश के वोटरों से संपर्क कर उन्हें ये समझाया गया था कि अरविंद केजरीवाल ही उनका भला कर सकते हैं. आम आदनी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह के मुताबिक बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश से आये लोगों के इलाके में विकास योजनाओं के लिए उनकी पार्टी की सरकार ने खजाना खोल दिया है. ऐसी 500 कॉलनियों में सड़क, सीवरेज से लेकर दूसरे विकास कार्यों के लिए एक हजार करोड़ रूपये से ज्यादा खर्च किये गये. संजय सिंह के मुताबिक बिहार के लोगों की छठ पूजा के लिए आम आदमी पार्टी की सरकार ने 1200 छठ घाट बनवाये.
मनोज तिवारी के सहारे भाजपा का दांव
उधर बीजेपी मनोज तिवारी के सहारे बिहारी वोटरों को समेटने का दांव खेल रही है. कम सियासी अनुभव के बावजूद भाजपा ने मनोज तिवारी को लगातार दूसरे टर्म दिल्ली प्रदेश बीजेपी का अध्यक्ष बना रखा है. मनोज तिवारी के मुताबिक आम आदमी पार्टी ने बिहारियों और पूर्वांचल के लोगों का हमेशा अपमान किया है. पिछले साल मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बिहार के लोगों पर बहुत ओछा आरोप लगाया था. मनोज तिवारी के मुताबिक अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि बिहार के लोग दिल्ली में आकर राज्य सरकार की फ्री मेडिकल सुविधा का लाभ उठा ले जाते हैं.
दरअसल पिछले साल अपनी सरकार की स्वास्थ्य सुविधाओं की तारीफ करते हुए केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली के कुछ अस्पतालों में बहुत ज्यादा भीड़ हो जा रही है. ऐसा इसलिए है क्योंकि देशभर से लोग दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ उठाने आ रहे हैं. बिहार से कोई भी आदनी 500 रूपये में ट्रेन टिकट लेकर दिल्ली पहुंच जाता है और फिर यहां इलाज कराकर लौट जाता है. मनोज तिवारी केजरीवाल के इस बयान को बिहारियों का अपमान करार दे रहे हैं.
बिहारी वोटरों को लेकर आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच तीखी जंग चल रही है. आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह के मुताबिक भाजपा शासित राज्यों से बिहारियों को बाहर निकाला जा रहा है. संजय सिंह के मुताबिक गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में भाजपा की सरकार रहते बिहारियों का जीना मुहाल कर दिया गया. संजय सिंह कहते हैं कि उनकी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल राय भी पूर्वांचल के हैं और उनकी पार्टी के लगभग एक दर्जन विधायक बिहारी हैं.
भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच दिल्ली की अनाधिकृत क़ॉलनियों को लेकर छिड़ी जंग भी बिहारी वोटरों के कारण ही हैं. इन अनाधिकृत कॉलनियों में रहने वाले ज्यादातर लोग बिहारी ही हैं.
बिहारी वोटरों को लुभाने के लिए ही दिल्ली सरकार ने पिछले साल अपने स्कूलों में मैथिली को शामिल करने का एलान किया था. केजरीवाल सरकार ने ये भी एलान किया था कि आई ए एस और सिविल सेवा की परीक्षा में मैथिली को विषय रखने वाले छात्रों के लिए वे मुफ्त कोचिंग की व्यवस्था की जायेगी. केजरीवाल सरकरा ने पिछले साल ही दिल्ली के कनाट प्लेस में पांच दिनों का मैथिली और भोजपुरी महोत्सव मनाने का भी एलान किया था. केजरीवाल ये भी एलान कर चुके हैं कि कम्प्यूटर पर मैथिली भाषा की टाइपिंग के लिए की बोर्ड तैयार करने के लिए वे पुणे के एक तकनीकी संस्थान से संपर्क कर चुके हैं. दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मैथिली और भोजपुरी भाषा के लिए बेहतर काम करने वालों को सम्मानित करने का भी एलान कर चुके हैं. आम आदमी पार्टी ने छठ के मौके पर सार्वजनिक छुट्टी का भी फैसला लिया है.
ये हैं दिल्ली के बिहारी बहुल विधानसभा क्षेत्र
दिल्ली के जिन विधानसभा क्षेत्रों में बिहारी वोटरों की संख्या निर्णायक हैं उनमें विकासपुरी, उत्तम नगर, बुराडी, आदर्श नगर, बदली, कुंडली, बदरपुर जैसी सीट शामिल हैं. इसके अलावा संगम पुरी, त्रिलोकपुरी, करवाल नगर, किरारी, लक्ष्मी नगर, कृष्णा नगर, गांधी नगर, शहादरा, सीमापुरी, मुस्तफाबाद, पड़पतगंज, पालम, रिठाला जैसे विधानसभा क्षेत्रों में भी बिहारी वोटरों की तादाद अच्छी खासी है.