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DARBHANGA : अपने बीमार पिता को साइकिल पर बिठाकर 1200 किलोमीटर तय करने वाली बिहार की बेटी ज्योति कुमारी को रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने साहस की प्रतिमूर्ति बताया है.
उपेंद्र कुशवाहा ने ट्वीट कर लिखा है कि '#COVIDー19 संकट में साहस की प्रतिमूर्ति बनी #JyotiKumari को स्नेह व आशीर्वाद. बिहार के बच्चों में असीमित क्षमता है. शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली के कारण गरीब घर के लाखों बच्चों की प्रतिभायें या तो दम तोड़ देती है या मजदूर बन पलायन को मजबूर होती है.'
#COVIDー19 संकट में साहस की प्रतिमूर्ति बनी #JyotiKumari को स्नेह व आशीर्वाद।
— Upendra Kushwaha (@UpendraRLSP) May 23, 2020
बिहार के बच्चों में असीमित क्षमता है। शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली के कारण गरीब घर के लाखों बच्चों की प्रतिभायें या तो दम तोड़ देती है या मजदूर बन पलायन को मजबूर होती है।https://t.co/zgMfPakMH2
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी और उनकी सलाहकार इंवाका ट्रंप ने ज्योति के हौंसले की दाद दी हैं. इवांका ट्रंप ने ट्वीट कर कहा कि 15 साल की ज्योति कुमारी की तारीफ की है. इंवाका के ट्वीट के बाद ज्योति कुमारी की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है.
गौरतलब है कि दरभंगा की ज्योति कुमारी लॉकडाउन के दौऱान अपने पिता के लिए श्रवण कुमार बन गयी. बेहद गरीब परिवार की ज्योति के पिता गुरूग्राम में रिक्शा चलाते थे. लेकिन लॉकडाउन के पहले वे एक दुर्घटना में घायल हो गये. पिता के घायल होने की खबर मिलने के बाद ज्योति कुमारी गुरूग्राम चली गयी लेकिन इसी बीच लॉकडाउन का एलान हो गया. पिता के साथ ज्योति गुरूग्राम में ही फंस गयी.
ज्योति के पिता का काम बंद हो गया और गुरूग्राम में रोजी-रोटी को कोई सहारा नहीं था. लिहाजा ज्योति ने पिता को लेकर अपने गांव वापस लौटने की ठानी. गांव वापसी का बस-ट्रेन जैसा कोई जरिया नहीं था. ऐसे में ज्योति ने साइकिल से गुरूग्राम से दरभंगा तक की दूरी तय करने का फैसला लिया. ज्योति ने साइकिल पर अपने पिता को बिठाया और गुरूग्राम से निकल पडी. गुरूग्राम से दरभंगा तक की 1200 किलोमीट की दूरी उसने 7 दिनों मे तय कर लिया.
फिलहाल राज्य सरकार के निर्देशानुसार ज्योति और उसके पिता घर में ही क्वारंटाइन हैं. फर्स्ट बिहार के संवाददाता ने ज्योति से फोन पर बात की. उसने बताया कि साइकिलिंग महासंघ वालों का फोन उसके पास आया था और उन्होंने ट्रायल में शामिल होने को कहा है. ज्योति ने कहा कि वो फिलहाल बहुत थकी हुई है लेकिन लॉकडाउन के बाद अगर मौका मिलेगा तो वो जरूर ट्रायल में हिस्सा लेगी. ज्योति ने कहा कि अगर वो सफल होती है तो साइकिलिंग में भारत का प्रतिनिधित्व करना चाहेगी.
बेहद गरीब परिवार की ज्योति कुमारी तीन बहन और दो भाइयों के बीच दूसरे नंबर की संतान है. गरीबी के कारण उसे अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी. ज्योति ने कहा कि वह पढ़ाई छोड़ चुकी हैं लेकिन अगर मदद मिले तो फिर से पढ़ाई शुरू करना चाहती है.