PATNA : विधान सभा की समितियों के गठन को लेकर चल रहा गतिरोध खत्म हो गया है और विधान सभा सचिवालय में नई समितियों का गठन कर दिया है. समितियों के सभापति यों के नाम की घोषणा भी कर दी गई है. विधानसभा की 7 समितियां भाजपा के पास आ गई हैं, जबकि 6 राजद और 5 जदयू के पास गई हैं. कांग्रेस के पास दो, पूर्व सीएम जीतन राम मांझी की पार्टी यानी कि हम के पास एक और वामदल के खाते में एक समिति गई है. इन नई समितियों में 11 पूर्व मंत्रियों के नाम हैं.
लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को विधानसभा की गैर सरकारी विधेयक और संकल्प समिति का सभापति बनाया गया है जबकि लोक लेखा समिति का सभापति पद भी आरजेडी के पाले में गया है. आरजेडी के वरिष्ठ विधायक सुरेंद्र यादव इस समिति के सभापति बनाए गए हैं. विधानसभा में समितियों की जिम्मेदारी उन नेताओं को दी जाती है, जो गंभीरता के साथ सभापति पद का निर्वहन करते हैं. अमूमन लोक लेखा समिति की जिम्मेदारी विपक्ष के पास ही रहती है और इसलिए इस बार भी राजद के सुरेंद्र प्रसाद यादव को इस समिति का सभापति बनाया गया है.
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री नंदकिशोर यादव को प्राक्कलन समिति का सभापति बनाया गया है जबकि पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कल्याण समिति का सभापति बनाया गया है. जदयू के बाहुबली विधायक अमरेंद्र कुमार पांडे को प्रश्न एवं ध्यानाकर्षण समिति का सभापति बनाया गया है.