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1st Bihar Published by: Updated Wed, 02 Mar 2022 12:48:12 PM IST
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PATNA : बिहार में नीतीश सरकार भले से भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करने का दावा करती हो लेकिन विधान परिषद में आज सरकार की नीति की जमीनी हकीकत से सदस्यों ने वाकिफ करा दिया. दरअसल, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में गड़बड़ झाले को लेकर विधान परिषद में आज सवाल किया गया. इस दौरान आरोप लगाया गया कि भू अर्जन पदाधिकारी ने जमीन अधिग्रहण के एक मामले में असली जमीन मालिक की बजाए मिलीभगत कर किसी और को मुआवजे की राशि दिलवा दी. मंत्री रामसूरत राय ने इस मामले को दिखा देने का भरोसा दिया तो आरजेडी एमएलसी सुनील कुमार सिंह सदन में उठ खड़े हुए.
आरजेडी एमएलसी सुनील कुमार सिंह ने सदन में यह खुलासा किया कि नालंदा में उनके एक जमीन को अधिग्रहित किया गया था. जब बार-बार प्रयास करने के बावजूद 4 साल तक मुआवजे की राशि नहीं मिली तो आखिरकार वह सचिव स्तर तक जा पहुंचे. बाद में सचिव को भू अर्जन पदाधिकारी को यह कहना पड़ा कि क्या वह इस मामले में रिश्वत की उम्मीद लगाए बैठे हैं.
सुनील कुमार सिंह ने यह खुलासा किया कि बिहार के अंदर जमीन से जुड़ा कोई काम बगैर रिश्वत के नहीं होता है. इस मामले पर उन्होंने सरकार से संज्ञान लेने और ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के ऊपर कार्यवाही करने की जरूरत बताई.
आरजेडी एमएलसी के बाद कई अन्य सदस्यों ने भी राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग से जुड़े अधिकारियों और उनकी कार्यशैली को लेकर सवाल खड़े किए. सबने इस बात को लेकर चिंता जताई कि बिहार में इस विभाग के अधिकारी रिश्वत की फिराक में रहते हैं. इसके बाद मंत्री ने एक बार फिर सदन में भरोसा दिया कि दोषी अधिकारियों को चिन्हित कर पहले भी कार्यवाही की गई है और आगे भी की जाएगी.