PATNA : राज्य के अंदर विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति प्रक्रिया लंबे अरसे से लंबित है. आज इस मामले को बिहार विधानसभा में ध्यानाकर्षण के जरिए बीजेपी विधायक नीतीश मिश्रा समेत अन्य सदस्यों ने उठाया था. बीजेपी विधायक ने सरकार से यह जानना चाहा था कि राज्य के 13 विश्वविद्यालयों में कुल 12893 शिक्षकों का पद सृजित है. इनमें से 7000 से ज्यादा पद अभी भी खाली हैं.
बिहार के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की भारी कमी है और इनकी नियुक्ति के लिए विश्वविद्यालय सेवा आयोग में साल 2020 में जो प्रक्रिया शुरू की थी उसमें अब तक क्या स्थिति है. सरकार से यह पूछा गया कि स्कूल 52 विषयों में 4638 से शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है, इनमें से 82 शिक्षकों को अभी तक नियुक्त नहीं किया जा सका है. शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए सरकार क्या प्रयास कर रही है.
इसके जवाब में सरकार की तरफ से शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि कोरोनावायरस की वजह से नियुक्ति प्रक्रिया में देरी हुई है. यह बात सभी जानते हैं कि कोरोना की वजह से काफी मामलों में देरी हुई लेकिन अगर बीजेपी विधायक यह कह रहे हैं कि कोरोनावायरस में जीना सीखना होगा और इसके लिए सभी कामों को लंबित नहीं किया जा सकता तो यह भी सच है कि इस बात को समझने में हमें 2 साल का वक्त लग गया. अब सब कुछ ट्रैक पर है और नियुक्ति प्रक्रिया भी जल्द पूरी कर ली जाएगी.
शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सदन में भरोसा दिया कि राज्य के अंदर फास्ट्रेक के माध्यम से असिस्टेंट प्रोफेसरों की बहाली जल्द पूरी कर दी जाएगी. फिलहाल गेस्ट फैकेल्टी के माध्यम से पढ़ाई जारी है. और इसी शर्त के साथ गेस्ट फैकेल्टी को रखा गया है कि अगर नियमित नियुक्ति हो जाती है तो इनकी सेवाएं नहीं ली जाएंगी.