PATNA : इस वक्त एक बड़ी खबर पटना से सामने आ रही है. बिहार में ट्रांसफर और पोस्टिंग के दौर के बीच सरकार ने एक बड़ा निर्णय लिया है. बिहार सरकार ने 257 अफसरों के तबादले पर तत्काल रोक लगा दिया है. इन अधिकारियों के ट्रांसफर आर्डर को स्थगित कर दिया गया है. नीतीश सरकार की ओर से यह अहम जानकारी साझा की गई है.
बिहार शिक्षा विभाग के प्राथमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी आदेश संख्या 432 के मुताबिक 30 जून यानी कि कल बुदवार को हुए 257 प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों के तबादले के आदेश पर तत्काल रोक लगाया जाता है. नीतीश सरकार ने अवर शिक्षा सेवा (प्राथमिक शाखा) के आदेश संख्या 431 को तत्काल प्रभाव से स्थगित करने का निर्णय लिया है.
बिहार प्राथमिक शिक्षा विभाग के निदेशक आईएएस डॉ रणजीत कुमार सिंह की ओर से यह पत्र जारी किया गया है. बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी के विभाग में हुए तबादले पर सरकार ने रोक लगा दिया है. शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी के विभाग के सचिव, अपर मुख्य सचिव, सभी जिलों के डीएम, डीपीओ और डीईओ को इसकी जानकारी दी गई है.
गौरतलब हो कि बिहार में इन दिनों ट्रांसफर-पोस्टिंग का दौर जारी है. सरकार के कई विभागों में दो हजार से अधिक अफसरों और कर्मियों का स्थांतरण किया गया है. लेकिन इसपर ऊँगली उठने लगी है. सरकार के विधायक और मंत्री ही खुद इसपर ऊँगली उठा रहे हैं कि मोटी रकम की वसूली कर के तबादला किया जा रहा है. बीजेपी के विधायक ज्ञानेंद्र कुमार ज्ञानू और बिहार सरकार में समाज कल्याण विभाग के मंत्री मदन सहनी इसपर सवाल उठा चुके हैं. इन दोनों नेताओं ने नीतीश सरकार की कार्यशैली पर बड़ा सवालिया निशान खड़ा किया है.
नीतीश सरकार में समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने गुरूवार को इस्तीफे की पेशकश कर दी. मदन सहनी ने कहा है कि उनके विभाग में अधिकारियों का राज चल रहा है औऱ अब उनके पास कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा. मदन सहनी ने अपने विभाग के प्रधान सचिव अतुल प्रसाद पर गंभीर आऱोप लगाये हैं.
दरअसल समाज कल्याण विभाग में ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर मंत्री औऱ प्रधान सचिव के बीच विवाद हुआ था. इसके कारण सीडीपीओ समेत विभाग के कई दूसरे अधिकारियों का ट्रांसफर जून महीने में नहीं हो पाया था. मंत्री औऱ प्रधान सचिव में घमासान लगातार बढ़ता जा रहा था. जून में ट्रांसफर कर पाने में सफल नहीं हो पाये मंत्री ने आज इस्तीफे की पेशकश कर दी.
मंत्री मदन सहनी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिव अतुल प्रसाद ने पूरे विभाग को चौपट कर दिया है. विभाग में कोई काम नहीं हो रहा है. ट्रांसफर पोस्टिंग में मंत्री की नहीं सुनी जा रही है. प्रधान सचिव चार सालों से विभाग में जमे हैं. प्रधान सचिव बतायें कि उन्होंने क्या किया. विभाग के कई अहम पदों पर सालों से एक ही अधिकारी जमे हुए हैं. उनके कारण सही तरीके से काम नहीं हो पा रहा है.
मदन सहनी ने कहा कि प्रधान सचिव मंत्री की बात ही नहीं सुनते. प्रधान सचिव के रवैये को लेकर उन्होंने उपर भी शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं की गयी. पूरा समाज कल्याण विभाग चौपट हो गया है. इसलिए उनके पास इस्तीफा देने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है. जानकारों की मानें तो सारा मामला ट्रांसफर पोस्टिंग से जुड़ा है. जून के महीने में विभागों को अपने स्तर पर ट्रांसफर करने की छूट होती है. समाज कल्याण विभाग के सूत्रों के मुताबिक मंत्री मदन सहनी ने नियमों को ताक पर रख कर ट्रांसफर करने की कवायद शुरू की थी. लेकिन प्रधान सचिव ने नियम विरूद्ध ट्रांसफर करने से इंकार कर दिया था. मंत्री औऱ सचिव की लड़ाई में विभाग में ट्रांसफर ही नहीं हो पाया.