PATNA : बेरोजगारी के खिलाफ सांकेतिक विरोध प्रदर्शन में बुधवार को रात 9 बजे से 9 मिनट तक लालू परिवार ने लालटेन जलाया. तेजस्वी के आह्वान पर राज्य भर में बेरोजगार युवकों ने दीया, मोमबत्ती और लालटेन जलाकर रोजगार देने की मांग की. बेरोजगारी के खिलाफ बिहार ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश से लेकर सिंगापुर तक लालटेन जलाया गया.
पटना में 10 सर्कुलर रोड स्थित राबड़ी आवास के बाहर रात 9 बजे लालू परिवार ने लालटेन जलाया. तेजप्रताप, तेजस्वी और राबड़ी देवी ने 9 मिनट तक लालटेन लेकर खड़े रहे. उनके साथ-साथ राजद समर्थक भी लालटेन लेकर खड़े दिखाई दिये. उधर दूसरी ओर तेजस्वी की बहन रोहिणी आचार्य ने भी सिंगापुर में अपने घर पर लालटेन जलाया.
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपनी पत्नी और समाजवादी पार्टी की नेता डिंपल यादव के साथ अपने आवास पर कैंडल जलाया. अखिलेश यादव ने कहा कि" आज आनेवाले कल के बदलाव का इतिहास लिख दिया, सियासत के आसमान पर रोशनी से इंक़लाब लिख दिया. आज युवाओं ने भाजपा के शासनकाल की उल्टी गिनती की शुरूआत कर दी है. हमने नौजवानों की ख़ातिर मोमबत्तियाँ जलाकर हमेशा की तरह आज भी उनका साथ दिया है और देते रहेंगे."
इस दौरान मीडिया को संबोधित करते हुए तेजस्वी ने कहा कि बिहार में अब तीर की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि लोग कहते हैं कि बिजली के जमाने में लालटेन की क्या जरूरत है. ऐसे में मिसाइल के ज़माने में तीर की भी कोई जरूरत नहीं है. इसबार के चुनाव में तीर को उखाड़ फेंकना है. क्योंकि नीतीश कुमार बेरोजगारी नहीं कुर्सी के बारे में सोचते हैं.
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि डबल इंजन सरकार द्वारा थोपी गई इस महामंदी और महा बेरोजगारी का दौर संकटपूर्ण है. तेजस्वी का कहना है कि हमारी सरकार बनी तो हम युवाओं के साथ आर्थिक न्याय करेंगे. रोजगार नहीं मिलने के कारण लोग पलायन कर रहे हैं. बिहार की जनता चुनाव का इंतजार कर रही है और इसी साल बिहार में राजद की सरकार बनेगी.
तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार के बेरोजगार युवक जब सरकार से इसके बारे में सवाल उठाते हैं तो उनकी पुलिस नौजवानों के ऊपर लाठी बरसाती है. तेजस्वी ने कहा कि नीतीश कुमार ने हाल ही में वर्चुअल रैली किया, जो पूरी तरह फेल साबित हुई. सोशल मीडिया में उनके रैली को लाइक से ज्यादा डिसलाइक मिला.
नीतीश कुमार बिहार में हत्या को प्रमोट कर रहे हैं. एससी और एसटी तबके से आने वाले लोगों की हत्या होने पर उनके परिवार के किसी एक सदस्य को नौकरी देने की बात कह रहे हैं. इससे अपराधियों का मनोबल बढ़ेगा. जिन लोगों को जीते जी नौकरी नहीं दे पाएं, उनको मरने के बाद नौकरी क्या देंगे.